(भोपाल) दो नवम्बर तक भाजपा की पूरी मशीनरी बागी प्रत्याशियों को मनाने में लगेगी

  • 31-Oct-23 12:00 AM

भोपाल,31 अक्टूबर (आरएनएस)। भाजपा के सर्वोच्च रणनीतिकार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का सर्वाधिक फोकस इस समय नाराज नेताओं और बागियों को मनाने पर है। दो नवम्बर तक पूरी भाजपा मशीनरी बागी प्रत्याशियों को नामांकन वापस लेने के लिए हर संभव प्रयत्न करेगी। इस पूरे अभियान को खुद अमितशाह मॉनिटर कर रहे हैं। इसके बाद अमत शाह का पूरा फोकस मतदान केंद्र प्रबंधन पर रहने वाला है। भाजपा की इलेक्शन मशीनरी पूरी तरह से सुपर एक्टिव मोड पर आ चुकी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पिछले दो दिनों से मध्य प्रदेश में हैँ। इस दौरान उन्होंने जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम, उज्जैन, और सागर संभाग की समीक्षा की है। अमित शाह ने पिछले दो दिनों में तीन हजार महत्वपूर्ण कार्यकर्ताओं से चर्चा कर फीडबैक लिया है। सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा के चुनाव अभियान से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। केंद्रीय गृहमंत्री ने जहां आवश्यकता हुई वहां नेताओं को फटकारा भी है। पार्टी नेतृत्व को लग रहा है कि इस समय मध्य प्रदेश में नेताओं की अंदरूनी खींचतान और बगावत अपेक्षा से ज्यादा है। इसलिए अमत शाह ने सर्वोच्च प्राथमिकता नाराज नेताओं को मना कर मैदान में लाने के लिए बनाई गई रणनीति को दी है। केंद्रीय गृहमंत्री ने मालवा निमाड़ अंचल की बैठक की बजाय ग्वालियर चंबल अंचल को अधिक महत्व दिया है, क्योंकि वहां कॉम्पलेक्शंस ज्यादा हैं। इसी वजह से इंदौर संभाग की 37 विधानसभा सीटों की समीक्षा बैठक का कार्यक्रम था जो निरस्त कर दिया गया है। इंदौर संभाग को अमित शाह की ओर से गुजरात से संगठन महामंत्री रत्नाकर भाई देख रहे हैं। भाजपा ने संगठन को सुपर एक्टिव इलेक्शन मोड पर डाल दिया है। पार्टी ने आने वाले 13 दिनों तक चुनाव अभियान चलाने का एजेंडा तय कर लिया है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित केंद्रीय नेता लगातार दौरे करने वाले हैं। इसी सिलसिले में अमित शाह और राजनाथ सिंह अभी मध्यप्रदेश में ही हैं। मध्यप्रदेश में विधानसभा की कमजोर सीटों की आकांक्षी सीटों का नाम दिया गया है। पार्टी ने 160 विधानसभा सीटों की पहचान कर वहां के लिए अलग से रणनीति बनाई है। भाजपा के सभी चुनाव अभियान चाहे वह विधानसभा चुनाव के लिए हो या 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए, अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे हैं। संगठन को गतिशील बनाने का काम जेपी नड्डा और बीएल संतोष के नेतृत्व में किया जा रहा है। भाजपा ने जो एक्शन प्लान बनाया है उसमें स्पष्ट है कि पार्टी गुजरात और उत्तर प्रदेश मॉडल पर आक्रामक चुनाव अभियान चलाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार सभी वर्गों को साथ में लेकर चलने की बात जरूर की है, लेकिन पार्टी हिंदुत्व का मुद्दा छोड़ेगी नहीं। अमित शाह ने इसी रणनीति के तहत उज्जैन में कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने महाकाल लोक का विरोध किया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जहां मतदान केंद्र प्रबंधन में नवाचार करने के लिए जाने जाते हैं, वहीं चुनाव अभियान के दौरान धु्रवीकरण उनका प्रमुख हथियार रहता है। भाजपा के मध्य प्रदेश में भी धु्रवीकरण का ब्रह्मास्त्र छेड़ दिया है। जहां तक कोर इलेक्शन मैनेजेमंट का प्रश्न है तो अमित शाह ने भाजपा को एक तरह से इलेक्शन मशीन में तब्दील कर दिया गया है। सबसे बड़ बात यह है कि भाजपा को संघ परिवार का साथ मिलेगा जो 2025 में संघ के शताब्दी समारोह के कारण पहले से ही विभिन्न अभियान चलाने में व्यस्त हैं। यह तो कांग्रेस के नेेता भी जानते हैं कि किसी भी दल के पास भाजपा संगठन जितनी ताकत नहीं है। भाजपा और संघ परिवार मिलकर कार्यकर्ताओं की ऐसी फौज खड़ी कर देते हैं। जिसका मुकाबला कांग्रेस सहित किसी भी विपक्षी दल के लिए आसान नहीं है। अनिल पुरोहित




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment