(भोपाल) मोदी के सहारे ग्वालियर चंबल अंचल को साधने की कवायद
- 03-Oct-23 12:00 AM
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भोपाल,03 अक्टूबर (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर पहुंचकर करीब 19000 करोड़ की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पणऔर शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री पिछले तीन महीने के दौरान आठवीं बार मध्यप्रदेश आ रहे हैं। भाजपा के रणनीतिकार इस बार ग्वालियर चंबल अंचल को सबसे कठिन चुनौती मान रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह गढ़ पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के जरिए साधना चाहती है। भाजपा के तमाम बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, विष्णुदत्त शर्मा, डॉ. नरोत्तम मिश्रा और हितानंद इसी अंचल के हैं। पिछली बार भाजपा को इस अंचल में करारी हार मिली थी। 2020 में हुए उपचुनाव के कारण उसे सात और सीटें जीतने में सफलता प्राप्त हुई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के दल बदल के कारण भाजपा संगठन में सबसे अधिक घमासान इसी क्षेत्र में है। संघ परिवार का इस अंचल में जबरदस्त नेटवर्क है इसके बावजूद इस बार यहां संगठन कमजोर नजर आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को सफल बनाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर लगातार प्रयत्न कर रहे हैं। प्रधानंत्री के दौरे के बाद भाजपा के चुनाव अभियान कोक नई ऊर्जा और गति मिली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर प्रदेश के नेताओं से बात की थी। भजापा की दो दिवसीय केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक पर अब तक दिल्ली में चली। सूत्रों का कहना है कि आज या कल पार्टी अपनी चौथी सूची जारी कर देगी। मध्यप्रदेश में भाजपा इस बार विधानसभा चुनाव किसी भी सूरत में हारना नहीं चाहती, यही कारण है कि प्रदेश स्तर से लेकर केंद्रीय नेतृत्व लगातार एड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है। इस चुनावी साल में पीएम मोदी भी लगातार एमपी का दौरा कर रहे हैं। मालवा और बुंदेलखंड के बाद अब पीएम मोदी चंबल का दौरा करने जा रहे हैं। एमपी के सबसे बड़े राजनीतिक केंद्र ग्वालियर चंबल में पीएम मोदी को मुसीबत से निकालने के लिए नेताओं की जीत का मंत्र देंगे। इससे पहले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो बार दौरे कर चुके हैं। अीाी हाल ही में वह प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में शामिल हुए और ग्वालियर चंबल अंचल में चल रही गुटबाजी और नाराजगी को दूर करने के लिए नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत की थी। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आदेश के बावजूद भी यहां पर स्थिति जस की तस बनी हुई है। यही कारण है कि भाजपा को लग रहा है कि ग्वालियर चंबल अंचल में उनकी स्थिति ठीक नहीं है और इसका सबसे बड़ा कारण महाराज भाजपा और नाराज भाजपा है। दोनों के बीच चल रही खींचतान के कारण यहां कार्यकर्ता भी ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहा है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री सिंधिया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बीच लगातार गुटबाजी हावी हो रही है और इसका भी पार्टी को दिखाई दे रहा है। वहीं, इस चुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सिंधिया समर्थकों को भी पार्टी ने टिकटों में आगे रखा है और जो लोग पहले से ही टिकट के लिए आस लगाए बैठेे नेता अब अपना दूसरा रास्ता खोजने लगे हैं। ऐसे नेता या तो पार्टी छोड़कर िकसी दूसरी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ेंगे या फिर अंदर ही अंदर पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम करेंगे। अनिल पुरोहित
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