(भोपाल) समिधा में हो रही है भाजपा के चुनाव अभियान की मॉनिटरिंग
- 05-May-24 12:00 AM
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भोपाल,05 मई (आरएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई ने मतदान बढ़ाओ अभियान को तेज कर दिया है। सूत्रों के अनुसार संघ का फीडबैक है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा क्लीन स्वीप कर रही है। यानी वहां की सभी 11 लोकसभा सीटों को भाजपा जीतने की स्थिति में है। 2019 में छत्तीसगढ़ में भाजपा को 11 में से आठ लोकसभा सीटों पर सफलता प्राप्त हुई थी। जबकि 2014 में उसने राज्य की दस सीटें जीती थीं। छत्तीसगढ़ की 11 सीटों के लिए तीन चरणों में वोटिंग हो रही है, जिसमें पहले चरण (19 अप्रैल) में सिर्फ बस्तर में वोटिंग हुई वहीं दूसरे चरण (26 अप्रैल) में राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर की सीटें शामिल थीं। तीसरे चरण (सात मई) में सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चंपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में मतदान होगा। इनमें राजनांदगांव को छोड़कर कहीं भी कांग्रेस भाजपा को टक्कर नहीं दे सकी। राजनांदगांव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कारण मुकाबला बराबरी का था। सूत्रों के अनुसार संघ की क्षेत्रीय इकाई के फीडबैक के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा की संभावनाओं को डेंट लगने की आशंका है। यहां छिंदवाड़ा, मंडला, रतलाम झाबुआ, सतना, सीधी और राजगढ़ में कांग्रेस बेहरतीन लड़ रही है। इनमें से राजगढ़ में सात मई को जबकि रतलाम में 13 मई को मतदान होगा। इन सीटों के अलावा भाजपा को कहीं तकलीफ नहीं है। तीसरे चरण (सात मई) के मतदान वाली सीटों में भाजपा को राजगढ़ और मुरैना में समस्या थी लेकिन जीतू पटवारी के इमरती देवी वाली बयान के कारण भिंड, मुरैना और ग्वालियर तीनों सीटें क्लियर हो गई हैं। गुना में ज्योतिरादित्य सिंधिया बड़े अंतर से जीत रहे हैं। राजगढ़ में दिग्विजय सिंह ने बेहद दिलचस्प मुकाबला बना दिया है। खास बात यह है कि दिग्विजय सिंह पूरी तरह से सहानुभूति और स्थानीय मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने अपनी सभाओं में सघ की निष्ठा और अनुशासन की बार-बार प्रशंसा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी के खिलाफ भी बोलने से वो बच रहे हैं। इसकी बजाय स्थानीय सांसद रोडमल नागर की निष्क्रियता और स्थानीय समस्याओं को मुद्दा बना रहे हैं। उनकी पदयात्रा और खुद को अंतिम चुनाव की दुहाई देकर भावुक अपील को जनता का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। राजगढ़ सीट को लेकर भी संघ का फीडबैक पूरी तरह अनुकूल नहीं है। यहां भाजपा ने विष्णु दत्त शर्मा के नेतृत्व में नए सिरे से रणनीति बनाई है। संघ के कुछ पूर्व प्रचारकों को भी राजगढ़ में लगाया गया है। सूत्रों के अनुसार अजय जामवाल, शिव प्रकाश और हितानंद जेसे संघ के पूर्व प्रचारक और भाजपा के संगठन मंत्रियों ने नए सिरे से तीसरे और चौथे चरण के लिए भाजपा के मतदान केंद्र प्रबंधन को अपडेट किया है। भाजपा की प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति और प्रदेश कोर समिति भी लगातार वर्चुअली बैठक कर लगातार अपनी कमजोरी को रिपेयर कर रही है। जाहिर है मध्य क्षेत्र के मुख्यालय समिधा से भाजपा के चुनाव अभियान की मॉनिटरिंग हो रही है। संघ को खासतौर पर आदिवासी सीटों पर चिंता थी क्योंकि विधानसभा चुनाव में भाजपा को आदिवासी अंचल में अपेक्षा अनुरूप सफलता नहीं मिली है। विधानसभा चुनाव के हिसाब से भाजपा प्रदेश की दस लोकसभा सीटों में पीछे रही है। इनमें छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में आने वाले सभी सातों विधानसभा सीटें कांग्रेस ने जीती हैं। इसी तरह मुरैना की पांच, भिंड की चार, ग्वालियर की चार, टीकमगढ़ की तीन, मंडला की पांच, बालाघाट की चार, रतलाम की चार, धार की पांच और खरगोन लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से पांच पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। पहले दो चरणों में प्रदेश के अधिकांश आदिवासी अंचल में चुनाव हो चुका है। आप केवल धार, रतलाम झाबुआ और खरगोन की आदिवासी सुरक्षित तथा खंडवा जैसी आदिवासियों की पर्याप्त संख्या वाली खंडवा सीट पर मतदान बाकी है। इन सभी सीटों पर 13 मई को मतदान होगा। सूत्रों के अनुसार पहले दो चरणों की समीक्षा के साथ भाजपा का प्रदेश नेतृत्व सभी जनप्रतिनिधियों को लोकसभा चुनाव की दृष्टि से चेतावनी भी दे रहा है कि मैदान में रहो या घर बैठो। सनद रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मध्य क्षेत्र इकाई मं मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की 40 लोकसभा सीटें आती हैं। इनमें 11 छत्तीसगढ़ में तथा 29 मध्य प्रदेश में हैं। अनिल पुरोहित
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