(रतलाम)अवैध वसूली, प्रशासन मौन

  • 06-Apr-25 12:00 AM

कालिका माता मंदिर में आस्था से खिलवाड़ : चादर से ढंका दानपात्र, ङ्कढ्ढक्क दर्शन के नाम पर अवैध वसूली, प्रशासन मौन-आम श्रद्धालुजनों से मंदिर परिसर में बाहरी तत्व कर रहे अभ्रदता, धोती कुर्ता पहनकर घूमने वाले युवकों से श्रद्धालु हो रहे भ्रमित रतलाम, आरएनएस, 06, अप्रैल। रतलाम स्थित प्रदेश के प्रतिष्ठित शक्तिपीठ श्री कालिका माता मंदिर में चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व पर भी व्यवस्थाओं की आड़ में खुली लूट और आस्था का व्यापार जारी है। मंदिर के पुजारी प्रकाश और उनके द्वारा तैनात बाहरी तत्वों द्वारा न केवल ङ्कढ्ढक्क दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से अवैध वसूली की जा रही है, बल्कि सरकारी दानपात्र को रेशमी चादर से ढांक कर दक्षिणा सीधे थालियों में बंटोरी जा रही है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि समूचे घटनाक्रम पर जिला प्रशासन पूरी तरह मौन है, जिससे पुजारी की मनमानी को अप्रत्यक्ष समर्थन मिलने जैसे हालात बन रहे हैं।मंदिर में सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लग रही हैं, लेकिन इन कतारों को दरकिनार कर रसूखदारों को सीधे गर्भगृह तक पहुंचाने का गुप्त रास्ताÓ बाहरी लड़कों के माध्यम से खोला गया है, जो भक्तों से सीधे नगद लेकर गर्भगृह दर्शन करवा रहे हैं। ये युवक धोती-कुर्ता पहनकर खुद को पुजारी बताकर भक्तों को भ्रमित भी कर रहे हैं।महाअष्टमी की रात एक महिला अपने दिव्यांग पुत्र को दर्शन कराने लाई, लेकिन कतार में काफी देर खड़े रहने के बावजूद जब वह थक गई और उसे गोद में लेकर ङ्कढ्ढक्क दर्शन स्थल पर पहुंची, तो पुजारी के बाहरी गुर्गों ने उन्हें अपमानित कर भगा दिया। कुछ ही देर बाद एक स्थानीय व्यापारी को मोबाइल पर पुजारी से बातचीत के बाद सीधे गर्भगृह में ले जाया गया।सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है मंदिर का सरकारी दानपात्र, जिसे जानबूझकर रेशमी चादर से ढांक दिया गया है। उसके ऊपर थालियां रखी गई हैं, जिनमें श्रद्धालुओं द्वारा दी जा रही दक्षिणा सीधे पुजारी और उसके साथियों की जेब में जा रही है। यह सीधा-सीधा सरकारी संपत्ति में हेराफेरी और अमानत में खयानत का मामला बनता है।पूर्व में महालक्ष्मी मंदिर में हुआ था विरोधयह पहला मामला नहीं है। पूर्व में दीपावली पर्व पर रतलाम के ही श्री महालक्ष्मी मंदिर में इसी तरह दानपात्र की अनदेखी, दक्षिणा की बंदरबांट और बाहरी तत्वों की घुसपैठ को लेकर समाजजन सड़कों पर उतर आए थे। वही चेहरे अब श्री कालिका माता मंदिर में भी सक्रिय नजर आ रहे हैं।प्रशासन की चुप्पी बनी सबसे बड़ा सवाल पूरे मामले में जिला प्रशासन की चुप्पी सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गई है। शासन के अधीन चल रहे मंदिर में हो रही इस मनमानी पर किसी तरह की जांच या कार्रवाई का न होना, कहीं न कहीं इस अव्यवस्था की अनदेखी या मौन स्वीकृति की ओर इशारा करता है। मामले में रतलाम कलेक्टर राजेश बाथम से संपर्क किया, लेकिन उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया। इधर पुजारी प्रकाश ने बताया कि मैं और परिवार के लोग ही माताजी की सेवा कर रहे हैं। बाहरी तत्वों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।




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