(रतलाम)जिले में स्थापित होंगे 17 बायो इनपुन रिसोर्स सेन्टर
- 10-Sep-25 12:00 AM
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रतलाम, आरएनएस, 10, सितंबर? भारत सरकार के कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजना अंतर्गत प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सफलतापूर्वक प्राकृतिक खेती करने हेतु समस्त आवश्यक प्राकृतिक आदानों (इनपुट) का समय पर स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराने हेतु जिले में 17 बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर (बीआरसी) स्थापित किए जाएगे। जिले में योजना के अंतर्गत 25 नेचुरल फार्मिंग कलस्टर बनाए गए है हर 03 कलस्टर पर 2 बीआरसी की स्थापना की जानी है।बीआरसी के लिये आवेदन स्थानीय कृषि उद्यमी, किसान उत्पाद संगठन, स्वयं सहायता समिति, मार्यादित सेवा सहकारी समिति मर्यादित आदि आवेदन कर सकते है। आवेदन निर्धारित प्रपत्र में 18 सितम्बर शाम 6 बजे तक विकास खण्ड क्रियान्वयन संस्थाए विकास खण्ड तकनीकी प्रबंधक (बीटीएम) आत्मा परियोजना संचालक आत्मा को देना होगा, जिले में बीआरसी विकास खण्ड रतलाम में 03, सैलाना में 03, बाजना में 02, पिपलौदा में 03, जावरा में 03 एवं आलोट में 03 कुल 17 सेंटर स्थापित किए जाएगे। आवेदन के साथ जरूरी दस्तावेज में संस्था का पंजीयन, आधार कार्ड, पैन कार्ड, और सदस्यों की सूची देना अनिवार्य है। साथ ही उत्पादों के भंडारण की व्यवस्था कम से कम दो वर्षो का प्राकृतिक खेती का अनुभव बीआरसी संचालन का विस्तृत बिजनेस प्लान देना होगा। इससे सेंटर का स्थान, वहां की खेती की स्थिति, सेवा क्षेत्र का बाजार विश्लेषण जागरूकता और विपणन की रणनीति जैव इनपुट की बिक्री योजना शामिल होनी चाहिये। प्राकृतिक खेती के लिए उत्पादित जैव इनपुट की सूची, कच्चे माल की उपलब्धता और सोर्सिंग का विवरण भी देना होगा। बीआरसी के पास पशुधन पौधे पर आधारित बायोमास जैसे कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता होनी चाहिये। यदि गोमूत्र और गोबर की आपूर्ति स्वयं नहीं हो तो पांच किमी के दायरे में स्थित गोशाला से व्यवस्था करनी होगी। बीआरसी संचालन के लिए स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पाद संगठन, प्राथमिक सेवा सहकारी समिति गोशाला ग्राम पंचायत या अन्य समुदाय आधारित संगठन से साझेदारी का विवरण देना होगा। आवेदक को अपने खेत में जैव इनपुट का उपयोगकर्ता होनी चाहिये यदि कलस्टर क्षेत्र में कोई संस्था एफपीओ या समूह उपलब्ध या पात्र नहीं है तो वहा प्राकृतिक खेती करने वाले कृषि उद्यमी का चयन किया जाएगा।
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