(रतलाम)रतलाम शहर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

  • 03-Oct-23 12:00 AM

रतलाम, आरएनएस, 03, अक्टूबर। रतलाम शहर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग ने महिला आरक्षण बिल को 2024 में होने वाले चुनाव में लागू करने और ओबीसी/एससी/एसटी/अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं को भी इस आरक्षण में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आज महामहिम राष्ट्रपति महोदय एवं माननीय राज्यपाल मध्यप्रदेश के नाम एक ज्ञापन शहर एसडीएम श्री पाण्डे को दिया।रतलाम शहर कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग शहर अध्यक्ष राजेश प्रजापत ने ज्ञापन का वाचन करते हुए कहा कि महिला आरक्षण इस देश की आधी आबादी की राजनीतिक भागीदारी और उनके सशक्तिकरण का सबसे जरूरी माध्यम है। इससे देश की राजनीति, संसद और विधानसभाओं में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं आएंगी तथा नीति निर्माण में निर्णायक भागीदारी निभाएंगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसका पूर्ण समर्थन करती है, लेकिन महिलाओं की ये लड़ाई अब भी अधूरी है।1989 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गाँधी ने पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संसद में बिल पेश किया था। लेकिन उस वक्त विपक्ष के बड़े हिस्से ने उनका विरोध किया और बिल राज्यसभा में 7 वोटो से गिर गया, लेकिन महिलाओं को अधिकार देने के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता जारी रही और 1992 में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव ने पंचायती राज्य संस्थाओं में महिलाओं के 33 प्रतिशत सीटों का आरक्षण लागू किया । इससे विभिन्न राज्यों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कोटे के भीतर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई?। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित करवाया, लेकिन लोकसभा में बहुमत नहीं होने के चलते पेश नहीं हो पाया।यूपीए सरकार जाने के बाद भी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गाँधी ने बार-बार माननीय प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महिला आरक्षण लागू करने की मांग की। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने महिला आरक्षण विधेयक लाने की मांग दोहराई, वहीं कांग्रेस पार्टी के रायपुर में हुए अधिवेशन में कांग्रेस पार्टी ने साफ कर दिया था कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देंगे व जातिगत जनगणना भी कराएंगे।आखिरकार मौजूदा केन्द्र सरकार ने इस मांग पर अमल करने का फैसला लिया, लेकिन महिलाओं को आरक्षण देने के लिए सरकार जो बिल लेकर आई है वह आधी आबादी के साथ धोखा है। क्योंकि इसमें ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे सुनिश्चित हो कि ये आरक्षण कब लागू होगा। इस आरक्षण में सबसे बड़ा धोखा ओबीसी/एससी/एसटी/ अल्पसंख्यक वर्ग के साथ हुआ। कांग्रेस व तमाम विपक्ष द्वारा बिल का समर्थन और मांग किए जाने के बाद बीजेपी ने ओबीसी/एससी/एसटी/अल्पसंख्यक की महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया। हमारी मांग है कि महिलाओं को दिए जाने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण में से जो हिस्सा ओबीसी/एससी/एसटी/अल्पसंख्यक का बनता है वह भी आरक्षित किया जाए।बिल में पहले जनगणना और फिर परिसीमन वाली गैर जरूरी प्रावधानों को जोड़कर इस प्रभाव शून्य कर दिया गया है। इसलिए हमारी मांग है कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम में ओबीसी/एससी/एसटी/अल्पसंख्यक की महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाए। साथ ही इसे 2024 के लोकसभा चुनावों से ही लागू किया जाए।ज्ञापन देते समय शहर कांग्रेस अध्यक्ष महेन्द्र कटारिया, वरिष्ठ कांग्रेस नेता पारस सकलेचा (दादा), शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कुसुम चाहर, जिला मतदाता पुन: निरीक्षण एवं प्रशिक्षण जिला प्रभारी अमर सिंह शेखावत, पूर्व पार्षद इक्का बैलूत, उपाध्यक्ष मदन पोरवाल, सहसचिव किशोर पांचाल, शैतान कसेरा, चाहर सर, प्रवीण, ओम जी पहाडिय़ा, इमरान भाई आदि कांग्रेस पदाधिकारीगण उपस्थित थे।




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