(रतलाम)साइंस कुछ भी कहे पर हमे परमात्मा के वचन पर कभी शंका नहीं करना चाहिए- आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा.
- 03-Nov-23 12:00 AM
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रतलाम, 03 नवम्बर(आरएनएस)। इस जगत में सभी जीव एक समान है। जीवों में कोई विषमताएं नहीं है। हर आत्मा एक समान होती है। उसका स्वभाव भी समान होता है। परमात्मा के वचनों पर कभी शंका नहीं करना चाहिए, चाहे साइंस कुछ भी कहे। हमारा जीवन और मृत्यु दोनों असमान है। हम अपने अंतिम समय को कैसे सुधारे इसका ध्यान देना चाहिए है। अंतिम समय सुधरे उसके लिए प्रभु से प्रार्थना करते रहना चाहिए।यह बात आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने सैलाना वालों की हवेली मोहन टॉकीज में कही। आचार्य श्री ने कहा कि कोई रूपवान होता है तो कोई कुरूप, कोई श्रीमंत तो कोई गरीब भी होता है, किसी को कुछ एक बार बोल दिया तो याद रहता है, किसी को बार-बार बोलने पर भी वह भूल जाता है। आत्मा का एक होने के बाद भी इतनी सारी विषमताओं का एक कारण आत्मा का कर्म होता है। हमें अपने कर्मों के बारे में सोचना है। कर्म हमारी आत्मा में कैसे प्रवेश करते है। वह जिस आश्रव भावना मार्ग से प्रवेश करते है, हमें उसे ही बंद करना है।आचार्य श्री ने कहा कि जो संसार हमे रहने जैसा लगे तो समझना की वह मिथ्या है। हमें प्रभु से एक ही प्रार्थना करना चाहिए कि प्रभु हमारी गलत फहमी दूर करो। हमें यदि किसी की बात का उत्तर भी देना है तो उसके लिए अवसर देखना होगा। यदि बिना अवसर के आप बात कहोगे तो उसका असर नहीं होगा। यह संसार बाहर से जितना सुंदर नजर आता है, अंदर से उतना सुंदर नहीं है। श्री देवसूर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ गुजराती उपाश्रय, श्री ऋषभदेवजी केशरीमलजी जैन श्वेताम्बर तीर्थ पेढ़ी द्वारा आयोजित प्रवचन में बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं उपस्थित रहे।
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