(रांची)शिक्षकों ने की विभिन्न ग्रेडों में लंबित पदोन्नति की मांग

  • 16-Oct-23 12:00 AM

रांची 16 अक्टूबर (आरएनएस)। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने प्राथमिक शिक्षकों के विभिन्न ग्रेडों में लंबित पदोन्नति उच्च न्यायालय के द्वारा पारित न्याय आदेश के आलोक में त्वरित कार्रवाई करने की मांग मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री श्री हेमंत सोरेन से की है। इस संदर्भ में संघ के प्रदेश प्रवक्ता सह प्रधान सचिव चितरंजन कुमार एवं हजारीबाग जिला अध्यक्ष मो. अतीकुज्जमां ने कहा कि वर्षों से विभिन्न ग्रेडों में पदोन्नति के पूर्ण होने की आस विभागीय सचिव के पत्रांक 619 दिनांक 26/8/2021 से जगी थी। उल्लेखनीय है कि उक्त आदेश के तहत विभिन्न ग्रेडों में पद उपलब्धता की तिथि से पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त हुआ था। माननीय उच्च न्यायालय के ङ्खक्क(स्) 4115 के तहत प्रदत्त निर्णय से 619 की वैधता भी प्रमाणित हुई थी, लेकिन स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के सचिव के द्वारा 5 अक्टूबर 2023 को जारी विभागीय मार्गदर्शन के कारण वर्षों से कार्यरत शिक्षकों के पदोन्नति की आस पर तुषाराघात हुआ है। इसके तहत प्रदत्त मार्गदर्शन न्यायालय के न्यायादेश के विपरीत और विरोधाभासी हैं। इसमें यह स्वीकार किया गया है कि पद उपलब्धता की तिथि से ग्रेड 4 एवं ग्रेड 7 में पदोन्नति देने का आदेश प्राप्त है। लेकिन दूसरी ओर उन्होंने कहा है कि भूतलक्ष्यी पदोन्नति देय नहीं है। यह भ्रामक स्थिति उत्पन्न कर रही है। विदित हो कि कई जिलों में वर्षों से पद उपलब्ध होने के बाद भी विभागीय लापरवाही के कारण ग्रेड 4 एवं ग्रेड 7 में पदोन्नति लंबित रही है। इसके कारण 20 से 30 वर्षों से सेवारत शिक्षकों की वरीयता प्रभावित हो रही है। यदि उक्त मार्गदर्शन के आधार पर पदोन्नति दी गई तो अधिकांश जिलों में 2016 में 6 से 8 के सहायक स्नातक प्रशिक्षित पद पर नियुक्त किए गए शिक्षक वरीय हो जाएंगे। इसके कारण 20 से 30 वर्षों से सेवा में कार्यरत अधिकांश शिक्षकों की ग्रेड 7 में पदोन्नति की संभावना समाप्त हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि यदि इन शिक्षकों को ससमय अहर्ता के आधार पर विभिन्न ग्रेडों में पदोन्नति दी जाती तो उनकी वरीयता अक्षुण्ण रहती। जिन जिलों में ससमय शिक्षकों को ग्रेड 4 में पदोन्नति दी गई है वहां पर उनकी वरीयता अक्षुण्ण रह रही है। शेष जिलों में शिक्षकों की वरीयता प्रभावित हो रही है। अत: झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ सरकार से यह मांग करता है कि माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए विभागीय सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के द्वारा जारी 770 पत्रांक को अविलंब रद्द किया जाए तथा पूर्व में निर्देश आदेश पर 619 के अनुसार वर्षों से कार्यरत अर्हताधारी शिक्षकों को पद उपलब्धता की तिथि से पदोन्नति प्रदान करते हुए उनकी वरीयता अक्षुण्ण रखी जाए, अन्यथा की स्थिति में संघ आंदोलन के लिए बाध्य होगा।




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