(रायसेन) किससा चुनावी है : पूर्व मुख्यमंत्री से मांगा आशीर्वाद, पटवा बोले... तुम्हें आशीर्वाद चुनाव हार जाओ

  • 30-Oct-23 12:00 AM

रायसेन,30 अक्टूबर (आरएनएस)। आज के दौर में जब राजनीति में व्यक्तिगत संबंधों को दरकिनार कर अपने फायदे और राजनीतिक जोतड़ोतड़ के खेल चलते हैं तब भी दशकों पुराने राजनीतिक सौहाद्र्रता के कई किस्से ऐसे सुनने को मिल जाते हैं जो यह बताते हैं कि पहले राजनीति में कटुता से परे व्यक्तिगत मान सम्मान ओर वरिष्ठता को पूरा महत्व दिया जाता था। ऐसा ही एक किस्सा भोजपुर विधानसभा के चुनाव से जुड़ा है। बात सन 1990 की है जब विधानसभा चुनाव में भेाजपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी और मुख्यमंत्री का चेहरा स्वर्गीय सुन्दरलाल पटवा थे ओर सामने कांग्रेस के राजकुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। तब राजकुमार पटेल स्व. पटवा की उम्र की आधे उम्र के रहे होंगे। एक सीनियर नेता से मुकाबले में उन्होंने जोरदार टक्कर भी दे दी थी तब मतदान के एक दिन पहले उन्हें शाम को जानकारी मिली कि पटवा जी बााड़ी के पास हरसिली गांव में जनसम्पर्क कर रहे हैं तो राजकुमार पटेल उनसे आशीर्वाद लेने जा पहुंचे। जब पटवा के सामने एक दम भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटेल को देखा तो सब हैरत में पड़ गए। राजकुमार ने पटवा जी के पैर छूकर कहा आप अशीर्वाद दीजिये। पटवा जी ताप से बोले राजकुमार तुम्हें पूरा आशीर्वाद है कि तुम चुनाव हार जाओ, यह कहते ही सभी हँस दिए फिर पटवा जी को शुभकामनाएं दी। पटल यह चुनाव महज 15 हजार मतों से हार गए और स्वर्गीय पटवा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस बार भोजपुर सीट पर मुकाबला पूव्र मंत्रीद्वय सुरेन्द्र पटवा और राजकुमार पटेल के बीच हो रहा है। ये लड़का परेशान करता है- 1990 में चुनाव में हार के बाद राजकुमार पटेल को 1998 में कांग्रेस ने होशंगाबाद लोकसभा से प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में फिर उनका सामना पटवा जी से हो गया। चुनाव के दौरान कई बार आमना-सामना हुआ और सौजन्य भेंट भी हुई। इस चुनाव को जीतकर पटवा जी अटल सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। इसके बाद पटवा के एक बार भोपाल स्टेशन पर दिल्ली लौटते वक्त पटेल का आमना सामना हो गया। पटेल ने तपाक से पैर छूकर आशीर्वाछ लिया तब पटवा के साथ चल रहे कैलाश सारंग से उन्होंने कहा कि यह लड़का अच्छा है लेकिन चुनावों में मुझे बहुत परेशान करता है। पटेल बोले मुझसे चुनाव लड़कर आप पहले मुख्यमंत्री और फिर केंद्रीय मंत्री बने। अभी आपस में मुस्कुरा कर आगे मिलने की बात कर अपने गंतव्य की ओर चल दिये। अनिल पुरोहित




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