(लखनऊ)एनएसयूआई ने किया विधानसभा घेराव, 27 हजार विद्यालयों की बंदी के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

  • 01-Jul-25 12:00 AM

लखनऊ, 1 जुलाई (आरएनएस ) उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम नामांकन वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को पास के विद्यालयों में समायोजित करने के निर्णय का विरोध तेज होता जा रहा है। इस निर्णय से प्रदेशभर में अनुमानत: 27 हजार से अधिक विद्यालय बंद हो सकते हैं। सरकार के इस फैसले को अलोकतांत्रिक और शिक्षा विरोधी करार देते हुए सोमवार को एनएसयूआई ने विधानसभा घेराव किया।एनएसयूआई मध्य जोन के अध्यक्ष अनस रहमान और पूर्वी जोन के अध्यक्ष रिषभ पाण्डेय के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता कांग्रेस मुख्यालय से विधानसभा की ओर कूच करने निकले। रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जब प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़े, तो पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक हुई।प्रदर्शन स्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए अनस रहमान ने कहा कि कल्याणकारी राज्यों की सरकारों का कर्तव्य है कि वे हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराएं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने संविधान के 86वें संशोधन द्वारा शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाया था, जबकि वर्तमान सरकार गांवों के गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित करना चाहती है ताकि वे आवाज उठाने लायक न बन सकें।रहमान ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो आगामी 25 दिनों में एनएसयूआई प्रदेशव्यापी बड़ा आंदोलन करेगी, जिसमें एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी भी शामिल होंगे।पूर्वी जोन अध्यक्ष रिषभ पाण्डेय ने आरोप लगाया कि योगी सरकार निजी विद्यालयों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्कूलों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में प्रवेश की उम्र 6 वर्ष है, जबकि निजी स्कूल 3-4 वर्ष में ही बच्चों को दाखिला दे देते हैं। इससे सरकारी स्कूलों में नामांकन लगातार गिरता जा रहा है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों में प्री-प्राइमरी शिक्षा की व्यवस्था को भी केवल कागजों की योजना बताया।पाण्डेय ने यह भी कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत यह प्रावधान है कि किसी सरकारी स्कूल के एक किलोमीटर दायरे में निजी स्कूल को मान्यता नहीं दी जा सकती, लेकिन राज्य सरकार ने इसका खुला उल्लंघन किया है। कई निजी स्कूल बिना मान्यता के भी चल रहे हैं, जिससे सरकारी विद्यालयों का अस्तित्व खतरे में है।प्रदर्शन में एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष आफताब जाफरी, आर्यन मिश्रा, अजय बागी, अहमद, तनु आर्या, निशात फातिमा, तौसीफ इलाही, अखिलेश यादव सहित कई छात्र नेता मौजूद रहे। पूर्वी जोन प्रभारी अनुराग त्रिवेदी ने प्रदर्शन की अगुवाई की।एनएसयूआई ने दो टूक कहा है कि अगर प्रदेश सरकार ने स्कूल बंदी का फैसला वापस नहीं लिया तो वह चुप नहीं बैठेगी और छात्रों के हक के लिए सड़क से सदन तक संघर्ष करेगी।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment