(लखनऊ)लोक नायक बिरसा मुंडा के आदर्श आज भी प्रासंगिक: प्रो. दिनेश कुमार

  • 08-Oct-25 12:00 AM

लखनऊ 8 अक्टूबर (आरएनएस ),गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज, गौरी रोड, सरोजनीनगर, लखनऊ में लोक नायक बिरसा मुंडा विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय गौरव सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि बिरसा मुंडा भारतीय आदिवासी समाज के महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के विरुद्ध उलगुलानÓ अर्थात मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया और आदिवासी भूमि अधिकारों की रक्षा की। वे धरती आबाÓ (पृथ्वी के पिता) के रूप में पूजे जाते हैं और उन्होंने बिरसायतÓ नामक धर्म की स्थापना कर समाज में नई चेतना जगाई।कॉलेज के प्रबंधक सोमिल कुशवाहा ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने अपने समुदाय को संगठित कर एकेश्वरवाद की स्थापना की और अंधविश्वास, शराबखोरी तथा जबरन श्रम का विरोध किया। महिला डिग्री कॉलेज की सहायक प्रोफेसर डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने कहा कि बिरसा मुंडा जनजातीय विकास के प्रतीक नायक थे, जिनका जीवन आज भी प्रेरणास्रोत है।सेमिनार के मुख्य वक्ता डॉ. ज्ञान प्रकाश पटेल, चेयर रिसर्च फेलो, बिरसा मुंडा चेयर, आईजीएनटीयू ने कहा कि बिरसा मुंडा एक चतुर्मुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वे स्वतंत्रता सेनानी, धर्मरक्षक, समाज सुधारक, लोक नायक, लोक चिकित्सक और मातृभाषा के पोषक थे। उन्होंने समाज को एकजुट करने के साथ महिला सशक्तिकरण और जनजातीय समाज से अंधविश्वास तथा कुरीतियों को दूर करने का भी कार्य किया।डॉ. रश्मि शर्मा, प्रधानाचार्या गौतम बुद्ध डिग्री कॉलेज के संयोजन में आयोजित सेमिनार में गिरी इंस्टिट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज के सहायक प्रोफेसर डॉ. के. एस. राव ने कहा कि बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए असाधारण त्याग किया। कार्यक्रम में डॉ. सुमन गुप्ता, डॉ. अपर्णा मिश्रा और ए. के. श्रीवास्तव ने भी बिरसा मुंडा को विकास पुरुष बताया।सेमिनार में बिरसा मुंडा पर शोध करने वाले अनेक शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। उत्कृष्ट शोध पत्रों के लिए शोधार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ. मनमीत कौर, डॉ. अमित श्रीवास्तव, नागेंद्र कुशवाहा, डॉ. वंदना, डॉ. नीलू शर्मा, डॉ. रश्मि श्रीवास्तव, ममता डिग्री कॉलेज बाराबंकी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, शिक्षाविद् और छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।




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