(विष्णुगढ़)भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का परीक्षाफल सह पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन
- 19-Jan-25 12:00 AM
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-एम्बिशन स्कूल के राजमोहन और आदर्श डीएवी पब्लिक की सृष्टि शाह को मिला जिले में प्रथम स्थानविष्णुगढ़ 19 जनवरी (आरएनएस)। प्रखंड के महंत अखाड़ा चौक स्थित एम्बिशन पब्लिक स्कूल में अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का परीक्षाफल सह पुरस्कार सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया है। जिसका शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया, तत्पश्चात अतिथियों के स्वागत में एंबिशन पब्लिक स्कूल एवं बाल विकास विद्यालय के छात्राओं ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के संस्कृत एवं हिंदी शिक्षक सुशांत कुमार पाठक शक्ति ने किया। इस सम्मान समारोह में कक्षा वार जिले में प्रथम, द्वितीय, तृतीय और शीर्ष दस में आने वाले छात्र छात्राओं को भारतीय संस्कृति मंच के तत्वाधान में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित कर पुरस्कार सह मेडल, ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र इत्यादि देकर पुरस्कृत किया गया। जिसमें विष्णुगढ़ प्रखंड में कक्षा पांच से इंटरमीडिएट तक के लगभग जिले में प्रथम 10वें स्थान में आने वाले कुल 67 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। जिसमें एम्बिशन पब्लिक स्कूल के राजमोहन कुमार और आदर्श डीएवी पब्लिक स्कूल की सृष्टि शाह ने जिले में प्रथम स्थान हासिल किया। वहीं द्वितीय स्थान में बाल विकास विद्यालय के हिमांशु राज और +2 उच्च विद्यालय विष्णुगढ़ से आर्यन कुमार, तृतीय स्थान पर +2 उच्च विद्यालय विष्णुगढ़ के विशाल कुमार रहे। समारोह के सफल आयोजन हेतु एंबिशन पब्लिक स्कूल और गायत्री परिवार ने अहम भूमिका निभाई । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शांतिकुंज प्रतिनिधि नरेंद्र विद्यार्थी ने भारतीय संस्कृति के बारे में भगवान की परिभाषा एवं सनातन धर्म का उल्लेख करते हुए बताया कि जो हमें जीवन दे वही भगवान है, भगवान सदैव परोपकार के लिए होता है, धर्म के स्थापना के लिए होती है। सनातन धर्म सभी धर्म से उत्तम है, यह युग युगांतर से चलता आ रहा है। अपनी संस्कृति और सभ्यता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हम सभी को वैदिक परंपरा अनुसार दैनिक कर्म करना चाहिए। उन्होंने शिक्षा और ज्ञान में अंतर स्पष्ट करते हुए कहा कि मैंकाले के अनुसार आज की शिक्षण पद्धति हो गई है बच्चों में शिक्षा का विकास हो रहा है परंतु संस्कार गौण हो रहे हैं संस्कार और संस्कृति को बचाने के लिए एवं आत्मिक चेतना के विकास हेतु हमें अपने बच्चों को भारतीय वैदिक परंपरा अनुसार ज्ञान देना आवश्यक है। इसके साथ साथ हजारीबाग जिला समन्वयक केशवनंद जी ने सभी विद्यार्थियों के हौसला अफजाई करते हुए कहा कि आप सभी विद्यार्थी अपने जीवन में अच्छे संस्कारों के साथ-साथ अध्यात्म को भी अपनाये, क्योंकि जिस व्यक्ति के जीवन में अध्यात्म हो और आदर्श महापुरुषों के प्रेरक जीवन चरित्र, उनके संघर्ष की कहानिया व उनके त्याग व साहस का स्वाध्याय हो तो उसे भीतर से सकारात्मक ऊर्जा का बल प्राप्त होता हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अतिथि गायत्री परिवार के मुख्य ट्रस्टी बी0के0 विश्वकर्मा, प्रथम मुख्य ट्रस्टी डूंगरमल जैन, सहायक ट्रस्टी पुरण साहू, जिला संयोजक रविन्द्र कुमार, उप जिला संयोजक लक्ष्मण कुमार, गायत्री परिवार के बृजकिशोर सिंहा, सेवानिवृत शिक्षक वीरेंद्र उपाध्याय, भैया धनंजय कुमार, +2 उच्च विद्यालय बरक_ा के शिक्षक गुलाब महतो, महंत घराने की प्रमिला दुबे, अनन्या दुबे, सुनैना दुबे, राम जन्म राय, एम्बिशन पब्लिक स्कूल के निदेशक विवेक कुमार, प्रधानाध्यापक राजेश कुमार मंडल, परीक्षा नियंत्रक अमन कुमार, यशवंत मिश्रा, प्रदीप महतो, पवन प्रताप सिंह, पारसनाथ सिंह, वरुण कुमार, ब्रजेश सिंह, सिकन्दर अली, माही पटेल, डूमरचंद महतो, डीलेश्वर महतो, लखन प्रसाद, मुकेश कुमार, सुष्मिता प्रिया, बसंत कुमार महतो, नवल किशोर वर्मा, संतोष कुमार, विकास कुमार, छोटीनाथ गोस्वामी, सुमन कुमारी, स्नेहा वर्मा, संजना मिश्रा, रूपाली देवी, दीपक वर्मा, उषा देवी, मानसी कुमारी, राजू महतो, सुशील कुमार पाठक, सुबोध कुमार, शशि सुमन, रोशन कुमार, अजीत कुमार मिश्रा, रवि कुमार, महावीर साहू, महादेव महतो, सुरेश कुमार महतो समेत विभिन्न विद्यालयों से पहुंचे हजारों की संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावक उपस्थित रहे।
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