(सिरसा)श्री युवक साहित्य सदन में भारतीय बाल साहित्य सम्मेलन आयोजित
- 04-Oct-23 12:00 AM
- 0
- 0
साहित्यकारों की पुस्तकों का हुआ विमोचन, देश के 8 राज्यों से पधारे साहित्यकारों को किया सम्मानित सिरसा 4 अक्टूबर (आरएनएस)। श्री युवक साहित्य सदन में मातेश्वरी विद्या देवी बाल साहित्य शोध एवं विकास संस्थान द्वारा अखिल भारतीय बाल साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें देश के आठ राज्यों से बाल साहित्यकार, बाल साहित्य के विभिन्न पक्षों पर चर्चा करने के लिए पधारे। कार्यक्रम तीन सत्रों में हुआ। प्रथम सत्र की अध्यक्ष जयपुर से पधारी साहित्य पोषक व समाजसेवी चांद वर्मा थी। मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी तथा जेजेपी के सिरसा जिला प्रधान अशोक वर्मा थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में अंग्रेजी तथा हिंदी के प्रतिष्ठित रचनाकार प्रिंसिपल डा. करतार सिंह जाखड़, समाजसेवी स्वामी रमेश साहुवाला तथा संजीवनी हॉस्पिटल के अध्यक्ष समाजसेवी रमेश जिंदगर थे। दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि गुरुग्राम से पधारे प्रतिष्ठित वरिष्ठ शायर, साहित्यकार प्रो. आर पी सेठी कमाल तथा चांद वर्मा थे, जबकि कार्यक्रम के अध्यक्ष संदीप चौधरी एडवोकेट रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में हिंदी शिक्षक व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सिरसा के अध्यक्ष संदीप सैनी थे। सम्मेलन के तीसरे सत्र के मुख्य अतिथि मुरादाबाद से पधारे डा. राकेश चक्र, अध्यक्ष लखनऊ से पधारीं प्रतिष्ठित बाल साहित्यकार नीलम राकेश थीं। विशिष्ट अतिथि सिरसा के प्रमुख समाजसेवी माणक चंद जैन, मुंबई महाराष्ट्र से डा. पूजा अलापुरिया, बीकानेर राजस्थान से संगीता सेठी, सहारनपुर उत्तर प्रदेश से डा. आर पी सारस्वत, अजमेर से अनीता गंगाधर रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन से हुआ। सरस्वती वंदना बीकानेर से पधारी संगीता सेठी ने अपनी मधुर आवाज में प्रस्तुत करके सबको भाव विभोर कर दिया। आए हुए मेहमानों का स्वागत संस्थान के अध्यक्ष तथा कार्यक्रम के संयोजक डा. राजकुमार निजात ने किया। इसके पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में डा. सुरेंद्र विक्रम द्वारा लिखा गया आलेख दो निजात द्वारा पढ़ा गया। प्रतिष्ठित लेखक डा. शील कौशिक ने हरियाणा का बाल साहित्य एक अध्ययन विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसी सत्र में डा. शील कौशिक द्वारा लिखे गए नाटक पिंक परी का मंचन केएल थिएटर के निदेशक कर्ण लढा तथा उनकी रंग कर्मी टीम द्वारा प्रभावशाली ढंग से किया गया। जिसमें प्रदूषण के खिलाफ लोगों को सचेत किया गया था। प्रथम सत्र में ही राजकुमार निजात ने बच्चों को प्रोडक्ट न बनाएं आलेख प्रस्तुत किया, जिसकी खूब प्रशंसा की गई। इस अवसर पर बाल साहित्य में की गई विशिष्ट सेवाओं तथा विशिष्ट उपलब्धियां के दृष्टिगत देश भर से पधारे बाल साहित्यकारों का शॉल ओढाकर, मेडल, प्रशस्ति पत्र व अंग वस्त्र प्रदान करने के साथ-साथ 1100 रुपए की नगद राशि सहित सम्मान किया गया। मंच संचालन वरिष्ठ प्रतिष्ठित साहित्यकार जनकराज शर्मा, डा. आरती बंसल, उर्मिल शर्मा तथा राजकुमार निजात ने संयुक्त रूप से किया।दूसरे सत्र के प्रारंभ में दीनदयाल शर्मा द्वारा लिखित रेडियो नाटिका स्वयं लेखक द्वारा प्रस्तुत की गई, जिसे श्रोताओं ने बहुत सराहा। इस सत्र में काव्य पाठ भी हुआ, जिसमें प्रोफेसर आर पी सेठी कमाल, डा. राकेश चंद्रा, सुनील गज्जाणी, अनीता गंगाधर, डा. आर पी सरस्वत, डा. शक्तिराज कौशिक, दीनदयाल शर्मा, डा. राकेश चक्र, नीलम राकेश, डा. पूजा अलापुरिया, संगीता सेठी, राकेश कुमार जैनबंधु, डा. रघुराज सिंह कर्मयोगी, किशोर शर्मा सारस्वत, अशोक श्रीवास्तव कुमुद, डा. शील कौशिक, राजकुमार निजात, हरीश सेठी झिलमिल, उर्मिल शर्मा, डा. आरती बंसल, ज्ञान प्रकाश पीयूष, कश्मीर मौजी व अन्य बाल गीतकारों ने अपनी बाल रचनाएं प्रस्तुत की। इस अवसर पर हनुमान गोदारा, सुरेश पंवार, महेश चंद्र शर्मा, वीणा सारस्वत, आदित्य सिंह, प्रवीण बागला, कुलदीप, गंगाधर वर्मा, सुभाष चंद्र शर्मा, हवन राज, यश, कुसुम, दिव्या, नितिन, निखिल, मुनीश, पवनदीप, नीरज, मदन वर्मा, श्रृंखला, प्रिया, जगमेल सिंह, नवीन रोड़ी, सुरेंद्र गंगवान, मा. राजकुमार वर्मा, प्रोफेसर रूप देवगुण, दक्ष, दिशा, नारंग, बी के दिवाकर, डी एन अग्रवाल, महेंद्र बोस, मोहित सोनी, भूपसिंह गहलोत, त्रिलोकी नाथ, हेजल, गरिमा, रक्षित, रितिका, भूमिका, सुनीता कुमारी, सरोज, कमलेश शर्मा, दीया शर्मा, दुष्यंत जोशी, कृष्ण वर्मा एडवोकेट, संतोष वर्मा, श्यामलाल योगी, खरैत लाल सोनी, मनीष खोखा, प्रोफेसर सुरेंद्र कंबोज आदि उपस्थित थे।सम्मानित किए गए साहित्यकारों में लखनऊ से डा. राकेश चंद्रा, बीकानेर से सुनील गज्जाणी, अजमेर से सुनीता गंगाधर, सहारनपुर से डा. आर पी सारस्वत, सिरसा से डा. शक्ति राज कौशिक, मुरादाबाद से डा. राकेश चक्र, लखनऊ से नीलम राकेश, जयपुर से सुशीला शर्मा, नवी मुंबई से डा. पूजा अलापुरिया, बीकानेर से संगीता सेठी, सिरसा से बलबीर सिंह वर्मा वागीश, कोटा से रघुराज सिंह कर्मयोगी, पंचकूला से किशोर शर्मा सारस्वत, प्रयागराज से अशोक श्रीवास्तव कुमुद तथा हनुमानगढ़ जंक्शन से दीनदयाल शर्मा को सम्मानित किया गया।इस अवसर पर दीनदयाल शर्मा के पाक्षिक पत्र टाबर टोली के बाल साहित्य पर आधारित अंक का विमोचन भी किया गया। इसके साथ-साथ गुजरात की प्रभा पारीक की बाल प्रेरणा कथा, नैतिकता की बाते,ं कृति बलवीर सिंह वर्मा, राजकुमार निजात की एक दर्जन पुस्तक, कृतियां फिर जीत गया कछुआ, मेरे पापा सबसे अच्छे, चली लोमड़ी कुल्फी खाने, पेड़ों को मिला जीवन दान, हम बांटें सबको मुस्कान, क्यों है मम्मी सारे गोल, गीत पेड़ के गाए हम, बाल विकास: चिंतन और विमर्श के विविध आयाम, रोचक और ज्ञानवर्धक पहेलियां, मानसिंह राठौर बाड़मेर राजस्थान की कृति, म्हारा पापा बस्तो लाया, वर्तमान बाल साहित्य: समीक्षा के आईने में, डा. राकेश चंद्रा, रोचक विज्ञान कथाएं, नीलम राकेश, किशोर शर्मा सारस्वत की सकारात्मक सोच में निहित है सार्थक जीवन तथा डा. करतार सिंह जाखड़ भिवानी द्वारा राजकुमार निजात का हिंदी काव्य संग्रह पीले गुलाबों वाला घर के हिंदी अनुवाद की पुस्तक, हाउस विद येलो रोजेस का लोकार्पण किया गया। ्र
Related Articles
Comments
- No Comments...