(सुलतानपुर)कांग्रेसियों ने हसनपुर कोर्ट परिसर में मनाया बादशाह अकबर का जन्मदिन
- 15-Oct-23 12:00 AM
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बंधुआकलां/सुल्तानपुर 15 अक्टूबर (आरएनएस)। कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम के निर्देश पर सुल्तानपुर अल्पसंख्यक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो ईशान खान के नेतृत्व में महान बादशाह अकबर का जन्मदिन राजा हसनपुर कोर्ट परिसर में धूमधाम से मनाया गया। राजा हसनपुर मसूद मियां बतौर मुख्यतिथि के तौर पर कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। राजा हसनपुर मसूद मियां समेत दर्जनों कांग्रेसियों ने महान बादशाह अकबर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। तत्पश्चात राजा हसनपुर मसूद मियां को दर्जनों कांग्रेस ने फूल माला पहनकर उन्हें सम्मानित किया, उसके बाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें महान बादशाह अकबर के बारे में लोगों को बताया गया। राजा हसनपुर मसूद मियां ने बादशाह अकबर के बारे में लोगों को विस्तार से जानकारी दी और बताया कि बादशाह अकबर को भारत का सबसे महान मुगल सम्राट माना जाता है बादशाह अकबर का पूरा नाम अबू अल फतह जलाल अल दीन मोहम्मद अकबर है, उनका जन्म 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट में हुआ था जो अब सिद्ध प्रांत पाकिस्तान में है और उनकी मृत्यु 25 अक्टूबर 1605 को आगरा भारत में हुई थी। उन्होंने अधिकांश भारतीय उपमहाद्वीप पर मुगल सत्ता का विस्तार किया और उन्होंने 1556 से 1605 तक शासन किया उन्हें हमेशा लोगों का राजा माना जाता था, क्योंकि वह अपने लोगों की बात सुनते थे और अपने साम्राज्य में एकता बनाए रखने के लिए अकबर द्वारा विभिन्न कार्यक्रम अपनाए गए, जिससे उसके क्षेत्र में गैर मुस्लिम आबादी की वफादारी जीतने में मदद मिली, उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनके राज्य के केंद्रीय प्रशासन में सुधार और मजबूती आए अकबर ने अपनी वित्तीय प्रणाली के केंद्रीय कारण पर भी ध्यान केंद्रित किया और कर संग्रह प्रक्रिया को पुनर्गठित किया। वहीं उन्होंने बताया कि अकबर इस्लाम को अपना धर्म मानता था, लेकिन उसके मन में अन्य लोगों और उनके धर्म के प्रति अत्यंत सम्मान था, उन्होंने अन्य धर्म को समझने में गहरी रुचि दिखाई और हिंदू धर्म,पारसी धर्म ,बौद्ध धर्म, ईसाई धर्म, और इस्लाम जैसे धर्म के विभिन्न धार्मिक विद्वानों को अपने सामने धार्मिक चर्चा में शामिल होने के लिए कहा था। अल्पसंख्यक कांग्रेस जिलाध्यक्ष मो ईशान खान ने बताया कि बादशाह अकबर कला को प्रोत्साहित करता था और उन लोगों का सम्मान करता था जो उसे नई चीज सिखा सकते थे, और यही कारण है कि उसके दरबार को संस्कृतियों का केंद्र माना जाता था क्योंकि वह विभिन्न विद्वानों कवियों और कलाकारों आदि को अपनी कला दिखाने के लिए प्रोत्साहित करता था। इस मौके पर अल्पसंख्यक जिला उपाध्यक्ष अकसर खान, जिला महासचिव दिलशाद अहमद, जिला सचिव वसीम खान, मोइन खान, सोहेल खान आदि लोग मौजूद रहे।
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