ओपेनहाइमर सचमुच सिकंदर!

  • 13-Mar-24 12:00 AM

श्रुति व्यासएटम बम बना लिया गया है। सब उत्फुल्लित हैं, आनंदित हैं, गर्वित हैं, जयकारे लगा रहे हैं। मगर इस उत्सवी वातावरण से अछूता, एटम बम का निर्माता, उसका पितामह, व्याकुल है, उदास है। "मैंने ये क्या कर दिया? मैंने ये क्या बना दिया? मैंने ये क्यों किया?"और फिर कैमरा हमें वह दिखाता है जो ओपेनहाइमर के दिमाग में चल रहा है। उनका शरीर उस कमरे में है जो ख़ुशी से झूमते, उनका अभिनन्दन करते लोगों से भरा हुआ है। मगर उनका मन कहीं और है। हिरोशिमा नष्ट हो चुका है। सफ़ेद-सुनहरी रौशनी आकाश में बिखरी हुई है। पृष्ठभूमि में वह भाषण चल रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि हिरोशिमा को वाष्पित कर दिया गया है।कमरे में हो रहे शोर की आवाज़ धीमी होती जाती है। उसकी जगह लेती है एक मर्मभेदी चीख। हम देखते हैं कि ख़ुशी से पागल लोगों की भीड़, दर्द से तडफ़ रहे लोगों की भीड़ में बदल रही है। एक महिला की त्वचा उसके चेहरे से उतर कर लटक गई है। ओपेनहाइमर यह सब देख रहे हैं और हम उन्हें। उनका चेहरा सफ़ेद रौशनी में नहाया हुआ है और उनके इर्दगिर्द की चीज़ें कभी धुंधली हो रहीं तो कभी साफ़ दिख रहीं हैं। पार्श्व संगीत खून को जमा देने वाला है। आपका दिमाग काम करना बंद कर देता है।यही वह क्षण है – जो आपकी भावनाओं को उनके चरम पर ले जाता है, जो आपका दिल दहला देता है – जो कम से कम मेरे लिए ओपेनहाइमर को एक ऐसी फिल्म बनाता है जिस पर फि़दा होने को जी चाहता है। इस फिल्म के ज़रिये क्रिस्टोफर नोलान हमें एटम बम के पितामह जे. रोबर्ट ओपेनहाइमर की कहानी सुनाते हैं, और बताते हैं कि मानवता को उसके ही विध्वंस का औज़ार सौंपकर इस वैज्ञानिक को कितनी वेदना हुई थी। इस फिल्म में वह सब कुछ था जो किसी भी फिल्म पुरस्कार में उसे अव्वल स्थान दिला सकता था। और 10 मार्च की रात ऑस्कर्स में यही हुआ।ओपेनहाइमर को 13 श्रेणियों में नोमिनेट किया गया था और उसे सात पुरस्कार मिले, जिनमें सर्वोत्तम कलाकार, सर्वोत्तम निर्देशक और सर्वोत्तम फिल्म शामिल थे। मजे की बात यह कि इस सबसे बड़े अमेरिकी फिल्म पुरस्कार में ब्रिटिश छाए रहे। निर्देशक नोलान इंग्लैंड से हैं और अभिनेता कीलियन आयरलैंड से।मगर शुरुआत में किसी को यह अंदाज़ा नहीं था कि ओपेनहाइमर 2023 की सबसे पसंदीदा फिल्म बन जाएगी। फिल्म के रिलीज़ होने के पहले इस आशय के कयास लगाए जा रहे थे, बातें हो रहीं थीं, भविष्यवाणी की जा रही थी कि ओपेनहाइमर शायद ही सफल हो और शायद ही अपने बजट से ज्यादा कमाई कर पाए। इसके लिए कई कारण गिनाए जा रहे थे।कहा जा रहा था कि यह आत्मकथ्यात्मक बायोपिक, जिसमें नोलान की कुछ चित्र-विचित्र कल्पनाएं शामिल थीं, दर्शकों को सिनेमाघरों तक लाने में कामयाब नहीं होगी क्योंकि तीन साल से लोग वैसे ही कोविड महामारी, युद्ध, बढ़ती कट्टरता और लोकलुभावनवाद से हैरान-परेशान है। यथार्थ उन्होंने बहुत देख-भोग लिया है। वे अकेलेपन, तनाव और चिंता के शिकार रहे हैं। ऐसे में उन्हें एक मनोरंजक फिल्म चाहिए होगी, ऐसी फिल्म जो उन्हें यथार्थ से दूर ले जाए, ना कि ओपेनहाइमर, जो अतीत के एक भयावह सच से उनका साबका करवाए। दर्शक ओपेनहाइमर को नजऱअंदाज़ करेंगे, यह बात इसलिए भी की जा रही थी क्योंकि उसके ठीक पहले बार्बी रिलीज़ हो रही थी, जो दर्शकों को फंतासी की चुलबुली दुनिया में ले जाने वाली फिल्म थी। मगर जब ओपेनहाइमर रिलीज़ हुई तो सारे कयास गलत सिद्ध हो गए। उसने जबरदस्त सफलता हासिल की। इस सफलता ने हम मनुष्यों की मानसिकता का एक और पहलू उजागर किया। और वह यह कि यथार्थ का यथार्थ चाहे कितना ही बुरा क्यों न हो, उससे दूर जाने के लिए भी हमें यथार्थ की ज़रुरत होती है! एक यथार्थ दूसरे यथार्थ से पलायन करने में हमारी मदद करता है!क्रिस्टोफर नोलान सिनेमा के तकनीकी पक्ष के उस्ताद है। मगर वे आम दर्शकों को बाँधने में सक्षम यथार्थ को दिखाने में भी उस्ताद हैं। उन्होंने सन 2023 में दर्शकों को थिएटरों में वापस लाने में अहम भूमिका निभाई। बार्बी ने भी ओपेनहाइमर का साथ दिया और दोनों ने मिलकर दर्शकों को इस बात के लिए मजबूर कर दिया कि वे अपने सोफों से उठें, ओटीटी प्लेटफार्मों का नशा छोडें और थिएटरों की ओर कूच करें।ओपेनहाइमर ऑस्कर्स ही नहीं बल्कि बाफ्ता, एमीज़ और अन्य फिल्म पुरस्कारों की भी सिकंदर साबित हुई है। और इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है। उसमें दर्शकों का दिल जीतने के लिए सब कुछ था और पुरस्कारों की जूरी के लिए भी बहुत कुछ। थीम गंभीर थी और उसे पूरी गंभीरता से स्क्रीन पर उकेरा गया था। अदाकारी जबरदस्त थी। कीलियन का सर्द निगाहें और उनके अन्दर भरा हुआ गुस्से का गुबार, रॉबर्ट डाउनिंग जूनियर (जो रॉबर्ट डाउनिंग जूनियर की तरह बिलकुल नहीं लगे) के लड़ाका तेवर, और होश उड़ाने वाले दृश्य। ओपेनहाइमर फिल्म के माध्यम और कला दोनों को नई ऊंचाईयों तक ले जाती है।ऑस्कर्स की घोषणा के साथ, बार्बी और ओपेनहाइमर के बीच मुकाबले का समापन हुआ। ओपेनहाइमर न केवल एक बेहतरीन कलात्मक फिल्म साबित हुई बल्कि उसने खूब धन भी कमाया। बार्बी की फंतासी की दुनिया को पछाड़ते हुए उसने 90 करोड़ डॉलर की कमाई की और दुनिया के महानतम फिल्मों की सूची में अपनी जगह बनाई। आखिऱकार, सात ऑस्कर जीतना कोई मामूली उपलब्धि तो नहीं है।बोहेमियन रेपसोडी को पीछे छोड़कर वह इतिहास की सबसे सफल बायोपिक बन गई है। वह 2023 की सफलतम फिल्मों (बार्बी और सुपर मारिओ के बाद) में तीसरे नंबर पर है। वह नोलान की तीसरी सफलतम फिल्म है (द डार्क नाइट और द डार्क नाइट राइजिस के बाद) और यूनिवर्सल पिक्चर्स के एक सदी से भी लम्बे इतिहास की बारहवीं सफलतम (और अगर आप फ्रैंचाइज़ फिल्मों को छोड़ दें तो सफलतम) फिल्म है।फिल्म अवार्ड्स का सिलसिला समाप्त हो गया है और सबकी निगाहें अब एक दूसरे हिट शो पर हैं – अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव – जो शायद उतने ही दिलचस्प और ऐतिहासिक होंगें। इस दूसरे शो का एक टीजऱ ऑस्कर्स में भी देखने को मिला।समारोह के एक मेजबान जिमी किमल ने अंत में ट्रुथ सोशल पर ट्रम्प द्वारा लिखी गई एक पोस्ट को पढ़ा। इसमें कहा गया था, "किमल से मुक्ति पाओ और उसकी जगह पिटे हुए मगर सस्ते जॉर्ज डेफोनेफिलिस को रखो। उससे स्टेज पर उपस्थित हर व्यक्ति अधिक बड़ा, और ताकतवर और ज्यादा ग्लैमरस नजऱ आएगाज्मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।"ट्रम्प को शो देखने के लिए शुक्रिया अदा करते हुए किमल ने अंत में पूछा, "क्या आपको जेल जाने में देरी नहीं हो गई है?" एक दूसरे यथार्थ से रूबरू होने का वक्त आ गया है।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment