कंधे से कंधा मिलाकर चलने प्रतिबद्धता

  • 11-Jun-24 12:00 AM

आचार्य पवन त्रिपाठीलगातार तीसरी बार एनडीए सरकार की जीत का केवल राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय महत्त्व भी है। अनेक कारणों से इस बात को कहा जा सकता है।सबसे पहले तो देखें कि कई दशकों की जोड़-तोड़ की राजनीति एवं राजनैतिक अस्थिरता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विराम लगा दिया है। आज पूरी दुनिया के शीर्ष नेता एवं नेतृत्व भारत को अत्यंत ही सकारात्मक एवं भरोसेमंद विदेश नीति वाले देश के रूप में देखते हैं। कहना न होगा कि पूरी दुनिया में नरेन्द्र मोदी ने भारत को एक नई पहचान दी है।रविवार को लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ले चुके नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए को मिला नया जनादेश भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी भूमिका के लिए नई ऊर्जा देने वाला साबित होगा।ऐतिहासिक रूप से एनडीए की परंपरा अटलबिहारी वाजपेयी के समय से सहभागिता, सहयोग एवं सर्वसम्मति के साथ सबका साथ- सबका विकास की ही रही है। आने वाले पांच साल में भी भाजपा सहित राजग के सभी सहयोगी घटक राष्ट्र निर्माण में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित दिखाई दे रहे हैं। इसकी एक झलक बीते शुक्रवार को पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में हुई राजग की बैठक में भी देखने को मिल चुकी है। वहां राजग के सभी प्रमुख सहयोगियों ने न सिर्फ मोदी सरकार के पिछले 10 वर्ष के कार्यकाल पर संतोष जताया, बल्कि अगले कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी के कंधे से कंधा मिलाकर चलने की प्रतिबद्धता भी जताई है।दरअसल, देश में गठबंधन सरकार चलाने के मामले में वाजपेयी सरकार को आदर्श उदाहरण के रूप में गिनाया जाता है। अपने घटक दलों और सहयोगी दलों के साथ सहज भाव से रहते हुए आम जनता के जीवन को सहज बनाने और सुविधापूर्ण बनाने में वाजपेयी सरकार के कामकाज को आज भी याद किया जाता है। वास्तव में 2047 में विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए पूरा गठबंधन राष्ट्र सर्वोपरिÓ के सिद्धांत पर आगे बढऩा चाहता है। निश्चित रूप से इस दृष्टि से बड़े और कड़े फैसले भी लिए जाएंगे। न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी, बल्कि बिहार के नीतीश कुमार एवं आंध्र प्रदेश के चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता अपने-अपने राज्यों में अपने पिछले कार्यकालों में सुशासन के लिए ही जाने जाते रहे हैं। इसलिए उनके अनुभव का लाभ भी प्रधानमंत्री को मिलेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है।इन दोनों नेताओं को उनके अपने-अपने राज्यों में विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है।चुनावी परिणाम और जनादेश ने भारतीय लोकतंत्र की ताकत, निष्पक्षता और पारदर्शिता को भी साबित कर दिया है। ईवीएम का राग अलापने वाले आधारविहीन विपक्ष के मुंह पर यह बड़ा तमाचा है। आज भी ब्रांड मोदीÓ का जलवा बरकरार है। देश के जनमानस में बीजेपी, नरेन्द्र मोदी और एनडीए के प्रति विश्वास को 2024 के जनादेश ने पुन: स्थापित किया है। यह जीत करोड़ों कार्यकर्ताओं, वोटरों एवं कुशल नेतृत्व की जीत है।यह भारतीय प्रजातंत्र की जीत है जिसमें सर्वे भवन्तु सुखिन:..का भारतीय दर्शन भी निहित है। हर एक प्रजातंत्र के इतिहास में एक ऐतिहासिक पड़ाव आता है, जो राष्ट्र की नीति और नियति तय करता है। लोक सभा 2024 के चुनाव परिणाम में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की विजय ऐसा ही ऐतिहासिक पल है। निश्चित रूप से इस चुनावी विजय ने अनेकानेक सकारात्मक संदेश दिए हैं।इतिहास के पन्नों को पलटें तो पाएंगे कि 1962 के बाद पहली बार किसी नेता को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद पर पहुंचने का अवसर मिला है। इसके साथ-साथ यह तो और भी ऐतिहासिक है कि प्रधानमंत्री पद से पहले नरेन्द्र मोदी चार बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर गुजरात का शासन सफलतापूर्वक चला चुके हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के 10 वर्षो के पुरुषार्थ, तप एवं विकासोन्मुखी राजनीति का परिणाम है कि अनेक झूठे प्रचारों के बावजूद पार्टी विपक्षी दलों द्वारा बनाया गया आइएनडीआइए गठबंधन अकेले भारतीय जनता पार्टी की सीटों से भी आगे नहीं जा सका। साठ वर्षो से अधिक समय तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस तो 100 सीटों के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई।स्पष्ट है कि जनता ने विपक्षी गठबंधन को सिरे से नकार दिया है। इस चुनाव ने पुन: स्पष्ट कर दिया है कि आने वाला समय विकास एवं कल्याण की राजनीति का है न कि धर्म, जाति, पंथ और सांप्रदायिकता का। एक और विशेष बात जो प्रधानमंत्री मोदी को विशिष्ट बनाती है, वह है कि इनकी राष्ट्र प्रथमÓ की सोच और अंतिम छोर पर खड़े देश के हर नागरिक के प्रति संवदेनशीलता।एक ओर जहां विपक्ष ने धर्म और जाति के आधार पर ध्रुवीकरण का प्रयास किया, वहीं इसके बिल्कुल विपरीत प्रधानमंत्री मोदी विकास एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर खड़े नागरिक तक पहुंचाने के लिए सतत प्रयासरत रहे। अब भाजपा एवं एनडीए देश के हर कोने में मजबूती के साथ विस्तार कर रहा है। ओडिशा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु एवं केरल में पार्टी का वोट प्रतिशत भी तेजी से बढ़ा है।आर्थिक मोच्रे पर मोदी सरकार के नेतृत्व में पिछले दो कार्यकाल खासे उत्साहवर्धक रहे। भारतीय अर्थव्यवस्था ने वैश्विक पटल पर ऊंची छलांग लगाते हुए अनेक विकसित देशों को चौंका दिया। पिछले 10 वर्षो में जिस संकल्प एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने देश को दुनिया की पहली पांच अर्थव्यवस्थाओं में लाकर खड़ा कर दिया है, वह अपने आप में एक अद्भुत मिसाल है। आर्थिक मोर्चे पर देश को आगे ले जाने की इसी इच्छाशक्ति के साथ शुक्रवार को केंद्रीय कक्ष की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों को संदेश दे दिया है कि वे बड़े विदेशी निवेश के लिए अपने यहां सरल एवं सीधी नीतियां बनाएं ताकि विदेशी कंपनियां देश के हर राज्य में अपने लिए अनुकूल वातावरण महसूस करें, और हर राज्य में निवेश के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।




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