कट्टर ईमानदार होगा अगला पीएम

  • 10-Apr-24 12:00 AM

विभांशु दिव्यालईमानी नेता की आम पार्टी बयान दे-देकर हल्ला मचाये जा रही थी, बार-बार वही रट लगाए जा रही थी कि ईमानी नेता ने सत्ता के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है और देश के सबसे बड़े देशभक्त रामभक्त के मन में डर की धुकधुकी पैदा कर दी है, इसलिए चुनावों में हार के डर से उनके ईमानी नेता के विरुद्ध षडय़ंत्र रचाया गया है, शराब घोटाले के झूठे आरोप में फंसाया गया है।लेकिन हम हार नहीं मानेंगे, न डरेंगे, न झुकेंगे, लड़ते रहे हैं लड़ते रहेंगे और सरकार तब तक जेल से चलेगी जब तक हमारे बड़े सरकार जेल में रहेंगे।आम पार्टी का शराब घोटाले में ही एक तिहाड़ बंद राज्य सभा सांसद अदालत से जमानत की कृपा पाकर बाहर आ गया था और आते ही उसने खुलासे का अपनी समझ से बहुत बड़ा धमाका कर दिया था जिसे हमारे देश के निष्पक्ष, लोकतांत्रिक और निष्कपट मीडिया ने एक फुसफुसे पटाखे के तौर पर लिया था। इस नेता ने बड़े खुलासे के नाम पर पहले से खुले हुए खुलासे को फिर से खोला और बोला कि कैसे एक आरोपी को जेल में डालकर अंतत: उसे वादामाफ गवाह बनवाया गया, उससे चंदा वसूला गया, उससे कट्टर ईमानी नेता के खिलाफ बयान दिलवाया गया और इसी बयान के षडय़ंत्र के तहत कट्टर ईमानदारों को जेल भिजवाया गया। उसने खुलकर खुलासा किया है कि शराब घोटाला देश की आम पार्टी ने नहीं बल्कि भारत की जनता पार्टी ने किया है। इस घोटाले में राष्ट्रभक्त पार्टी के बड़े-बड़े नेता शामिल हैं मगर इनके विरुद्ध कुछ नहीं किया जा रहा है, घोटाला सत्ताधारी पार्टी का है मगर ईमानदार नेताओं को आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया जा रहा है।जैसी कि राजनीति की मौजूदा ढलन है और जैसा कि आम चलन है, किसी भी पार्टी के विचारवान, भक्त कार्यकर्ता दिमाग के ढक्कन बंद करके, अपनी समूची प्रखरता को मंद करके, अपने कुंद से कुंद नेता के सुर में सुर मिलाते हैं, उसके हर हुंकारे पर जोर-शोर से चिल्लाते हैं, उसके इशारों पर अपने हाथों को दुम की तरह घूम-घूमकर हिलाते हैं, साथ जीने-मरने की पचनीय-अपचनीय कसमें खाते हैं और उसे ही भूमंडल का सर्वश्रेष्ठ नेता बताते हैं वैसे ही आम पार्टी के कार्यकर्ता भी कर रहे थे और जनता की दुहाई दे-देकर अपनी जीत के कुलांचे भर रहे थे कि जनता जग गयी है सो उनके साथ आएगी और चुनाव में शराब के असली घोटालेबाजों को हराएगी और जिन कट्टर ईमानदार लोगों को शराब घोटाले में फंसाया गया है उनके हाथ में जीत का परचम थमाएगी।उधर देशभक्त रामभक्त सत्ताधारी हर मंच से दहाड़ लगा रहे थे कि जिन लोगों ने शराब घोटाला किया है, भ्रष्टाचार करके घोटाले का घूंट पिया है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, वे चाहे जितना चीख लें, चिल्ला लें, खुद को कितना भी पाक-साफ बता लें, अपनी नजर में अपने आपको कितना भी ईमानदार ठहरा लें, उनके हर भ्रष्टाचार का हिसाब किया जाएगा और हर शराबकांडी को एक-एक कर अंदर किया जाएगा। जनता इनकी असलियत पहचान गयी है, इनकी एक-एक करतूत को जान गयी है इसलिए चुनाव में इनको बुरी तरह हराएगी और इन्हें दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखाएगी।चुनाव सर पर आ गये थे और हर मतदाता के दिल-दिमाग पर छा गये थे। अंधभक्त चाहे इधर के हों या उधर के सबने मन बना लिया था और कैसे अपने-अपने नेताओं के हर अपराध अवगुण को परे खिसकाकर उन्हें वोट करना है यह पहले से ही तय कर लिया था। इस बेला में अगर कोई मुसीबत में था तो वह था झल्लन और झल्लन बिरादरी के वे लोग जो तय नहीं कर पा रहे थे कि आखिर किसकी बात पर भरोसा करें, किसे सही ठहराएं, कैसे अपना निश्चित मन बनाएं और अपना कीमती मत लेकर अंतत: किसके पक्ष में जायें। सो झल्लन एक बार फिर अपनी शंका के समाधान के लिए कट्टर ईमानी नेता की सलाखबंद छवि के निकट आया, आधी श्रद्धा और आधी अश्रद्धा से अपना शीश झुकाया और बोला, हे प्रभु, अब वे सारे लोग जिनके खिलाफ आपने भ्रष्टाचार विरोधी जंग चलायी थी यानी जिन्हें गालियां दे-देकर आपने दिल्ली की सत्ता हथियायी थी, आपकी सारी गाली-गरियाहट भुलाकर आपके पक्ष में गोलबंद हो गये हैं, पहले कड़वे नीम थे अब गुलकंद हो गये हैं, कह रहे हैं कि मोदी मंडली चार सौ पार नहीं जा रही चार सौ हार रही है यानी देश में अगली सरकार आप की आ रही है। अब आप बताइए, हम कहीं और जायें या सीधे आपके पास चले आयें?Óकट्टर ईमानी नेता बोला, वे बिल्कुल सही कह कह रहे हैं, हमीं जीतकर आयेंगे, हमीं अगली सरकार बनाएंगे। सो सब पुराने नियम-सिद्धांत भूलकर हमारे पास आ जाओ हमारी सरकार में शामिल हो जाओ। और हां, निश्चिंत रहो प्रधानमंत्री मुझ जैसे कट्टर ईमानदार को ही बनाया जाएगा, तभी लोकतंत्र बचेगा, तभी संविधान बच पाएगा।Ó झल्लन बोला, प्रधानमंत्री बनने के बाद आप पहले मोदी पंथियों को निपटाएंगे या कांग्रेसियों का पुराना हिसाब चुकाएंगे?कट्टर ईमानी नेता बोला, हम जो करेंगे अपनी तरह से ही करेंगे और जितनी ईमानदारी से अब तक जो हो-हल्ला करते रहे हैं उतनी ईमानदारी से प्रधानमंत्री बनने के बाद भी करते रहेंगे।Ó




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