कश्मीर हमारा था, है और रहेगा

  • 19-May-25 12:00 AM

भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान समय में चल रहे टकरावों को लेकर मंगलवार को दो घटनाएं हुई जिनका वैश्विक कूटनीति के लिहाज से विशेष महत्त्व है।सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंजाब के आदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पर पहुंचे और पाकिस्तान के झूठ को दुनिया के सामने बेनकाब किया। पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर तैनात एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त करने का दुष्प्रचार किया था। प्रधानमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर भारत की नीति, नीयत और निर्णायक क्षमता की त्रिवेणी है। उनके इस वक्तव्य का अर्थ बहुत स्पष्ट है कि पाकिस्तान दोबारा कायराना आतंकी हमला करता है, तो उसे भारतीय सैनिक मुंहतोड़ जवाब देंगे। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी सेना को साफ शब्दों में संदेश दिया कि पाकिस्तान में ऐसी जगह नहीं है, जहां आतंकवादी पनाह ले सकें। उन्होंने कहा कि भारत बुद्ध की धरती है तो गुरु गोविंद सिंह जी की भी धरती है। दूसरी ओर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर की मध्यस्थता, भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम, संभावित परमाणु टकराव को रोकने के दावे को एक सिरे से खारिज कर दिया। वास्तव में भारत की कश्मीर नीति पारंपरिक है कि इससे जुड़े किसी भी मुद्दे पर सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता होगी और किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की जाएगी। ट्रंप की छवि अविसनीय और अस्थिर नेता की बन गई है। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान 2019 में भी इसी तरह का जुमला फेंका था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कश्मीर पर मध्यस्थता करने को कहा था। जाहिर है कि ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में शांतिदूत की भूमिका निभाने का प्रयास कर रहे हैं।




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