केंद्रीय मंत्री चुनाव हारे तो क्या होगा ?
- 04-Mar-24 12:00 AM
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कई केंद्रीय मंत्री लोकसभा का चुनाव लडऩे वाले है। जिन मंत्रियों का राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल में पूरा हो रहा है और दोबारा टिकट नहीं मिली है उनका तो लोकसभा चुनाव लडऩा तय है। ऐसे पांच मंत्री हैं। धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मांडविया, पुरुषोत्ताम रूपाला और नारायण राणे। इनके अलावा कुछ और मंत्री हैं, जिनका राज्यसभा का कार्यकाल अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन उनको भी लोकसभा का चुनाव लड़ाने की चर्चा है।पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण, एस जयशंकर, हरदीप पुरी, राजीव चंद्रशेखर आदि के बारे में चर्चा है कि इनको इस बार लोकसभा का चुनाव लडऩे को कहा जा सकता है। निर्मला सीतारमण, जयशंकर और राजीव चंद्रशेखर के लिए दक्षिण के ऐसे राज्यों में सीट तलाशी जा रही है, जहां भाजपा पिछली बार खाता नहीं खोल पाई थी।सोचें, अगर ये बड़े नेता लोकसभा का चुनाव हार गए तो क्या होगा? वैसे लोकसभा का चुनाव हारने वाले नेताओं को मंत्री बनाने का चलन रहा है। 2014 में तो अरुण जेटली के हारने पर नरेंद्र मोदी ने उनको वित्त व रक्षा मंत्री एक साथ बनाया था और स्मृति ईरानी को हारने के बावजूद देश का शिक्षा मंत्री बनाया था। दूसरी बार भी हरदीप पुरी हार कर केंद्र में मंत्री बने। लेकिन शायद इस बार ऐसा न हो। कई कई बार राज्यसभा सांसद रहने के बाद पहली बार चुनाव लडऩे वाले नेता अगर हारते हैं तो उनको संगठन में भेजा जा सकता है।तभी ये नेता या तो चुनाव नहीं लडऩा चाहते हैं या सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं। सुरक्षित सीट की तलाश की योजना के तहत ही यह खबर मीडिया में लीक की गई थी कि निर्मला सीतारमण और जयशंकर दोनों कर्नाटक से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन बाद में प्रहलाद जोशी ने खंडन किया कि उन्होंने ऐसी कई बात नहीं कही है। अब दोनों के केरल या तमिलनाडु से लडऩे की चर्चा है।
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