केपी.1 और केपी.2 से घबराहट का माहौल
- 24-May-24 12:00 AM
- 0
- 0
भारत में कोविड-19 के उपस्वरूप केपी.2 से 290 और केपी.1 से 34 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि होने के साथ ही आम जन में घबराहट का माहौल है।कोविड-19 के ये दोनों उपस्वरूप सिंगापुर में संक्रमण के मामले बढऩे के लिए जिम्मेदार हैं, और इस संक्रमण से दुनिया भर के देश चिंतित हो गए हैं।केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाली इंडियन सार्स-सीओवी-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स (आईएनएससीओजी) द्वारा संकलित आंकड़ों के मुताबिक, नये मामले सात राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से सामने आए हैं।हालांकि महामारी विशेषज्ञों ने कहा है कि घबराने या चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस विषाणु के स्वरूप में तेजी से बदलाव होते रहेंगे और यह सार्स-सीओवी2 जैसे विषाणुओं का नैसर्गिक गुण है।Ó इन उपस्वरूपों से होने वाला संक्रमण उतना गंभीर श्रेणी का नहीं होगा कि अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ जाए या संक्रमित व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार पड़ जाए।बहरहाल, कोविड-19 ने जिस तरह भारत में जनजीवन और कारोबार को पटरी से उतारा था, और काफी संख्या में लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है, उससे कोविड-19 के संक्रमण के दोबारा दस्तक देने भर से लोगों में सिहरन होने लगती है। कोविड-19 के संक्रमणकाल में देश का स्वास्थ्य ढांचा बुरी तरह नाकाम साबित हुआ था।लोग हलकान हो गए थे। अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी तो काफी समय बाद सामान्य रफ्तार पकड़ सकी। प्रवासी कामगार पैदल ही अपने घर-गांव जाने के लिए सड़कों पर निकल पड़े थे। उन्हें रोकने के प्रयास किए गए तो कई जगह पुलिस के भी हाथ-पांव फूल गए थे, उन्हें अपने घर-गांव लौटने से रोकने में।दरअसल, मौत का इस कदर खौफ छा गया था कि लोग यह कहते सुने गए थे कि मरना ही है, तो अपने घर पर मरेंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत लोग भी दो हिस्सों में बंटे नजर आए। एक हिस्से में ऐसे सेवाभावी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ था, जिन्होंने जान की परवाह न करते हुए संक्रमितों का उपचार किया तो दूसरा हिस्सा ऐसे लोग थे जिन्होंने उपचार के नाम पर लोगों को खुले हाथ लूटने का काम किया।कई नामी अस्पताल अपना दायित्व भूलकर चांदी काटने में जुट गए थे। बहरहाल, जैसा मंजर था, वह इस नये संक्रमण की दस्तक मात्र से ही सिहरन पैदा करता है, तो हैरानी नहीं।
Related Articles
Comments
- No Comments...