क्या भारत, पाकिस्तान के खिलाफ वाटर बम्ब इस्तेमाल करेगा।

  • 29-Apr-25 12:00 AM

अजय दीक्षितएशियन स्टडी फॉर वॉटर मैनेजमेंट की प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, पाकिस्तान के खिलाफ वाटर बार खड़ा कर सकता है।यह रिपोर्ट इस समय प्रकाशित हुई है जब भारत ने इंडस वैली ट्रीटी रद्द करने की घोषणा की है।उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल की आतंकी घटना के बाद भीषण विवाद हो गया है।इस हादसे में 25 निर्दोष पर्यटक की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। लश्कर ए तैयबा के टीआरएफ नामक संगठन ने जिम्मेदारी ली है। भारत ने सीसीएस की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं जिनमें एक इंडस वैली ट्रीटी को रद्द कर दिया है।यह संधि 1960, में विश्व बैंक के अनुरोध पर पाकिस्तान को रावी व्यास सतलुज, चिनाव झेलम सिंध नदियों का जल उपलब्ध कराने के लिए की गई थी।सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने केंद्रीय जल आयोग के इंजीनियरों को तुरंत सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है कि अगर सिंधु जल को पाकिस्तान जाने से रोकना हो तो किस प्रकार के निर्माण की जरूरत होगी।क्योंकि इन नदियों पर हाइड्रल पावर स्टेशन तो हैं लेकिन जल भराव क्षमता कितनी है और उसे अपग्रेड करने के लिए कौन कौन सी जगह बांध बनाने पड़ेंगे। केंदीय वाटर रिसोर्स मंत्रालय,को भी सक्रिय किया गया है।सेंटर फॉर इंडियन ओसियन वाटर मैनेजमेंट पुणे के डायरेक्टर डॉ भूले को दिल्ली तलब किया गया है।कुल मिलाकर मोदी सरकार ने पाकिस्तान को वाटर बॉम्ब के जरिए सबक सिखाने की ठान ली है। जानकारी के अनुसार पानी को रोकना या एक दम छोड़ देना भी एक तरह का हथियार है। रावी व्यास सतलुज नदियों में पानी का प्रवाह काफी तेज होता है क्योंकि ये नदियां काफी ऊंचाई से गिरती हैं। पाकिस्तान में पिछले 70 वर्षों में कैनाल सिस्टम बना है तो इनका पानी नहरों में बह कर सिंचाई परियोजना के काम आता है। ब्रिटिश ने भी आजादी से पहले कुछ नहरें लाहौर, पेशावर, कराची में बनाई थी बाद में इनका विस्तार भी हुआ है। लेकिन अगर भारत की ओर से पानी अचानक छोड़ा गया तो पाकिस्तान में तबाही तय है।इसी लिए आज पाकिस्तान के हुक्मरान ने कहा है कि भारत पानी से लड़ेगा तो युद्ध माना जाएगा। पाकिस्तान ने आज सिंधु जल समझौता आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है कि भारत इंडस वैली ट्रीटी के तहत हाइड्रल डेटा शेयर नहीं कर रहा है।द्वितीय विश्व युद्ध में सोवियत संघ ने वाटर बॉम्ब का इस्तेमाल हंगरी पोलैंड चेकोस्लोवाकिया के खिलाफ किया था। अभी हाल ही में यूक्रेन ने रूस एक बांध तोड़ कर पूर्वी रूस में तबाही मचाई थी। लेकिन पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो भारत के वाटर बॉम्ब को झेलना तो दूर बाढ़ को भी नहीं रोक पाएगा। लेकिन विशेषज्ञ का मत है कि हाल फिल हाल भारत को तैयारी के लिए साल भर तक लग सकता है क्योंकि पानी रोकने के लिए संचालित संरचना कायम करना पड़ेगी।




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