जल की गुणवत्ता संबंधी विवाद गंभीर
- 01-Mar-25 12:00 AM
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धार्मिक आस्था अक्सर तथ्यों और तर्कों से ऊपर होती है। बेशक, इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए। मगर संभावित जोखिम के प्रति आगाह करना सरकारों, खास कर स्वायत्त प्रशासनिक एजेंसियों का कर्त्तव्य एवं उत्तरदायित्व दोनों ही है।प्रयागराज में गंगा जल की गुणवत्ता संबंधी विवाद गंभीर है। इसमें मुख्य मुद्दा पर्यावरण की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने वाली भारत की सर्व-प्रमुख एजेंसी की केंद्रीय और उत्तर प्रदेश इकाई के बीच मतभेद का है।प्रश्न है कि ये एजेंसियां सभी स्तरों पर स्वायत्त ढंग से काम करती हैं, या ये सत्ताधारी दलों के सियासी एजेंडे से प्रभावित भी हो जाती हैँ? स्वागतयोग्य है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसे गंभीरता से लिया है और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) से जवाब तलब किया है।पूछा है कि क्या यूपीपीसीबी की गंगा जल की स्वच्छता संबंधी रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निष्कर्षों के विपरीत थी। सीपीसीबी लगातार पांच दिन के नमूनों की जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंचा कि संगम का पानी पीने और नहाने योग्य नहीं है। फिर भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि ये पानी नहाने और आचमन दोनों के योग्य है।इसके पक्ष में उन्होंने यूपीपीसीबी की रिपोर्ट का हवाला दिया। अब एनजीटी ने सीपीसीबी की रिपोर्ट की रोशनी में यूपीपीसीबी से जल की गुणवत्ता के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।सीपीसीबी के मुताबिक कई स्थानों पर गंगा में फेकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया मान्य स्टैंडर्ड से 1400 गुना और यमुना में 660 गुना ज्यादा मिला। 19 जनवरी को तो हर 100 मिलीलीटर में ये मात्रा सात लाख अधिकतम संभव संख्या (एमपीएन) तक पहुंच गई, जबकि इसे 500 के अंदर होना चाहिए।इस रूप में संगम का पानी नहाने योग्य जल के लिए तय प्रतिमान पर खरा नहीं उतरता। तो जाहिर है, लोगों ने वहां अपनी सेहत के लिए भारी जोखिम लेकर स्नान किया। धार्मिक आस्था अक्सर तथ्यों और तर्कों से ऊपर होती है। बेशक, इसमें किसी को दखल नहीं देना चाहिए। मगर संभावित जोखिम के प्रति आगाह करना सरकारों, खास कर स्वायत्त प्रशासनिक एजेंसियों का कर्त्तव्य एवं उत्तरदायित्व दोनों ही है।कोई सरकार अपने सियासी तकाजों के तहत इससे मुंह मोड़ भी रही हो, तो एजेंसियों को ऐसा कतई नहीं नहीं करना चाहिए। आशा है, इस मामले में एनजीटी बिना किसी दबाव से प्रभावित हुए बेहतरीन मिसाल कायम करेगा।
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