नया कश्मीर नई लाइफलाइन
- 08-Apr-25 12:00 AM
- 0
- 0
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना यानि यूएसबीआरएल भारतीय रेल के स्वर्णिम भविष्य का एक चमकता हुआ अध्याय है। जो देश के हर हिस्से को कश्मीर तक की अबाध यात्रा के मार्ग से जोड़ रही है। यह राष्ट्रीय परियोजना न केवल देश की इंजीनियरिंग क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक चुनौतियों पर विजय का प्रतीक भी है।विकास के पुल से जुड़े पहाड़ों के दिलहिमालय की ऊंचाइयों में चल रहे प्रोजेक्ट का सबसे चमकदार मोती है चिनाब ब्रिज। जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है। यह पुल समुद्र तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है और कुतुब मीनार से पांच गुना ऊंचा। 266 किलोमीटर प्रति घंटे चलती हवा की रफ्तार को भी चिनाब ब्रिज आसानी से झेल सकता है।96 केबल के सहारे निर्मित 725 मीटर लंबा अंजी खड्ड ब्रिज देश का पहला केबल आधारित रेल ब्रिज है।कटरा-बनिहाल रेल खंड का हिस्सा ये पुल समुद्र तल से 331 मीटर ऊपर है। यह अद्भुत संरचना न केवल भारतीय रेल की उपलब्धियों की गाथा गाती है, बल्कि कश्मीर घाटी को विकास की मुख्य धारा से जोडऩे का भी वादा करती है।आकर्षक इंजीनियरिंग और साहस की मिसालयूएसबीआरएल को भारतीय रेल के लिए एक आर्किटेक्चरल वंडरÓ माना जा रहा है। इस परियोजना की लंबाई 272 किलोमीटर है। जिसका अधिकांश हिस्सा दुर्गम पहाडिय़ों, बर्फीले इलाकों और गहरी घाटियों से होकर गुजरता है। इसमें 943 छोटे-बड़े पुल और 36 मेन सुरंग शामिल हैं। जिसमें भारत की सबसे लंबी रेलवे सुरंग टी-50 भी है जो करीब 12.77 किलोमीटर है। भारत के सबसे कठिन रेल निर्माण प्रोजेक्ट में से एक यूएसबीआरएल की लागत करीब 42 हजार करोड़ रुपए है।आर्थिक विकास से राष्ट्र सुरक्षा तक का सेतुयूएसबीआरएल न केवल भारत के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी।रोजगार के अवसर: परियोजना के निर्माण के दौरान हजारों लोगों को रोजगार मिला और इसके संचालन के बाद भी कई स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा।पुख्ता राष्ट्र सुरक्षा: रेल लिंक से न केवल सेना की त्वरित आवाजाही संभव होगी, बल्कि आपातकालीन परिस्थितियों में संसाधनों की तेज आपूर्ति भी सुनिश्चित होगी।आर्थिक विकास: रेल लिंक से कश्मीर घाटी में व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी, जिससे कृषि उत्पादों, शिल्प और स्थानीय उद्योगों को बड़े बाजारों तक पहुंच मिलेगी।पर्यटन को बढ़ावा: इस रेल लिंक के जरिए कश्मीर में पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। पर्यटकों के लिए घाटी तक पहुंचना आसान और किफायती होगा।उम्मीदों की पटरीयूएसबीआरएल न केवल रेल की पटरी है, बल्कि यह उन उम्मीदों का मार्ग है, जो कश्मीर के भविष्य को उज्जवल बनाने की ओर अग्रसर है। इसमें ऐसे कई महत्वपूर्णरेलवे स्टेशन हैं जो जम्मू कश्मीर की तरक्की, सुरक्षा, सुविधा और समृद्धि को सुगम करते हैं। कश्मीर घाटी का प्रवेश द्वारÓ कहे जाने जाने वाला काजीगुंड स्टेशनदक्षिणी कश्मीर को शेष क्षेत्र से जोडऩे की अहम कड़ी है। पंपोर, श्रीनगर, सोपोर, अनंतनाग जैसे रेलवे स्टेशन घाटी के प्रमुख व्यापारिक केंद्रों में से एक है।वहीं रियासी और कटरा रेलवे स्टेशन का विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर के निकट होने के कारण इसका महत्व बढ़ जाता है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूलारेल लिंक परियोजना सिर्फ एक रेल संपर्क नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी को भारत के बाकी हिस्सों से मजबूती से जोडऩे वाला एक ऐतिहासिक कदम है।भारतीय रेल ने इस परियोजना के साथ कश्मीर घाटी को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने की जो प्रतिबद्धता जताई थी, वो जमीन पर साकार हो रही है।
Related Articles
Comments
- No Comments...