पढ़ते समय सुन रहे हैं गाने तो जानें ये कितना सही, कितना गलत ? कैसा म्यूजि़क है फायदेमंद

  • 13-May-24 12:00 AM

म्यूजिक मूड को रिफ्रेश कर बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन ध्?यान रखने की बात है कि म्यूजिक को हमेशा स्टडी टूल की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पढ़ाई हमेशा शांत जगह ही करनी चाहिए.एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूजिक मूड को रिफ्रेश कर बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, लेकिन ध्?यान रखने की बात है कि म्यूजिक को हमेशा स्टडी टूल की तरह इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. पढ़ाई हमेशा शांत जगह ही करनी चाहिए.पढ़ाई हमेशा शांत माहौल में करना चाहिए, इससे ध्यान नहीं भटकता है और पढ़ी हुई चीज जल्दी याद होती है. अक्सर घर में बड़ों और स्कूल के टीचर्स को ऐसा कहते सुना होगा. यह बात काफी हद तक ठीक भी मानी जाती है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो पढ़ते समय गाने सुना (स्ह्लह्वस्र4 ङ्खद्बह्लद्ध रूह्वह्यद्बष् त्रशशस्र ह्रह्म् क्चड्डस्र) करते हैं. जिससे लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या ऐसा करना सही है, क्या इस से पढ़ाई में मन लगता है या याद की हुई चीजें दिमाग में बैठती हैं. आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब...एक्?सपर्ट्स का मानना है कि पढ़ाते करते समय गाने सुनना गलत आदत है. इससे याददाश्त पर दबाव पड़ सकता है. यह इसी तरह है जब तो चैनल एक ही फ्रीक्वेंसी पर चल रहे हों. दरअसल, पढ़ाई और म्यूजिक एक साथ टकराव पैदा करती हैं.इससे पढ़ाई से मन भटक जाता है और टॉपिक भी याद नहीं रहता है. स्टडीज के मुताबिक,म्यूजिक सुनने से फोकस पर पॉजिटिव और निगेटिव दोनों तरह के असर पड़ सकते हैं. म्?यूजिक मूड को रिफ्रेश करता है लेकिन तेज म्यूजिक से ध्यान भकटता है और परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है.एक्?सपर्ट्स के अनुसार, इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक से ज्यादा नुकसान नहीं होता है. पढ़ाई करते हुए अगर इंस्ट्रूमेंटल म्?यूजिक छात्र सुनते हैं तो इससे तनाव कम और एकाग्रता बढ़ सकती है. यह ध्यान भटकाए बिना अलर्टनेस बढ़ाती है.अनफैमिलियर म्?यूजिक सुनने से मैथ्य और लैंग्वैज जैसे विषयों को पढऩे में परेशानी आ सकती है, जबकि फैमिलियर म्?यूजिक चिंता कम कर परफॉर्मेंस में सुधार ला सकता है. म्?यूजिक सुनने से मूड में सुधार होता है और अकेले रहने की भावनाएं कम होती हैं. एकाग्रता चाहने वालों को म्यूजिक नहीं सुनना चाहिए.गाने सुनने से बचें, स्लो और इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक सुन सकते हैं. 2. ऐसा म्?यूजिक ही सुनने की कोशिश करें जो फीलिंग को स्ट्रॉग न करें.




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