पीडि़ताओं ने सामने आने का साहस किया
- 08-Aug-25 12:00 AM
- 0
- 0
बेंगलुरु स्पेशल कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवाा को रेप के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। उस पर 48 वर्षीय एक घरेलू सहायिका ने कई दफा रेप करने का आरोप लगाया था।बीते साल उस पर चार मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से पहले मामले में दोषी ठहराया गया है। उस पर आईपीसी की धाराएं 376 (2के) (प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा रेप), 376(2)(एन) (बार-बार रेप) 354(ए) (कपड़े उतारने के लिए हमला या बल प्रयोग), 354(सी)(ताकझांक), 506 (सबूतों को गायब करना), सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम की धारा 66(ई) लगाई गई।1632 पाों की चार्जशीट के साथ इलेक्ट्रानिक व अन्य 183 सबूत पेश किए गए। बीते साल कर्नाटक सैक्स स्कैंडल के उछलने के बाद प्रज्वल का नाम सामने आया था, उस पर पचास से ज्यादा महिलाओं के यौन उत्पीडऩ का आरोप है। पीडि़त अमूमन हासन, मैसूर व होलेनरासीपुर व करीबी इलाकों की हैं।हासन के इस सांसद के वहीं के स्टेडियम में सैकड़ों की तादाद में बिखरे मिले पेन ड्राइवों में तकरीबन तीन हजार सेक्स क्लिप व तस्वीरें मिलते ही मामले ने तूल पकड़ लिया था। कई वीडियो वह खुद बना रहा था। वीडियो वायरल होते ही वह देश छोड़ कर भाग गया। प्रधानमंत्री रहे दादा, मुख्यमंत्री रहे चाचा और मंत्री पिता का यह इंजीनियर बेटा 2019 में देश में तीसरा सबसे कम उम्र का सांसद बनने पर चर्चा में आया था। दादा के चेताने पर जर्मनी से लौटा तो एयरपोर्ट से ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।पैसों और हैसियत के बल पर महिलाओं के साथ हैवानियत करने वाले की ताकत का ही भय है कि पचास में से केवल चार पीडि़ताओं ने सामने आने का साहस किया। हालांकि पहले वह खुद को बेकसूर और आरोपों को झूठा बता रहा था। मगर पकड़े जाने के बाद उसने काड़ टीवी चैनल को भेजे वीडियो में दादा, मां-बाप, जनता दल (सेक्युलर) के कार्यकर्ताओं व राज्य के लोगों से माफी मांगी। लोगों में अपराधियों के प्रति गुस्से के चलते मामले को दबाया नहीं जा सका।बेशक, यह न्याय प्रक्रिया की ताकत है जिसने राज्य चलाने वालों की विकृति को न सिर्फ उधेड़ा, बल्कि कमजोर वर्ग की उस स्त्री को न्याय देकर छिपी बैठीं पीडि़ताओं को न्याया का भरोसा दिया है। हालांकि अभी दोषी ऊपरी अदालत जाने को स्वतंत्र है। वहां तक मामला जाने और सलाखों के पीछे जाने में सालों लग सकते हैं, जिससे बच जाना जरूरी हैं। ताकतवर दोषियों को सजा दिला कर कड़ा संदेश देना बेहद जरूरी है।
Related Articles
Comments
- No Comments...