पॉजिटिव विज्ञापन का असर

  • 18-Apr-24 12:00 AM

सुधीश पचौरीखबर चैनलों में आते विज्ञापन ध्यान खींचते हैं: एक निम्न मध्यवर्गीय घर। पत्नी के चेहरे पर नाराजी छाई है। दूधरहित काली चाय बनाकर देती है।उस चाय का घूंट लेकर जैसे ही पति मुंह बना कर कहता है कि ये क्या बना दिया है तो पत्नी कहती है तुमने व्हाट्सऐप सरकार बनाई उसकी महंगाई में यही मिल सकता है। फिर गुस्से से कहने लगती है, मेरे विकास का दो हिसाबÓ। फिर हाथ का चित्र आता है, जो कहता है : हाथ बदलेगा हालातÓ। यह विज्ञापन एनडीए के शासन में बढ़ती महंगाई पर कटाक्ष करता है, और कांग्रेस का हाथÓ ही हालात बदलेगाÓ, ऐसी आस्ति देता है। दूसरा विज्ञापन बेरोजगारीÓ पर चोट करता है। वॉयसओवरÓ कहता है कि इंजीनियरिंग के आखिरी बरस में बता दिया गया था कि बड़ी नौकरी मिलेगी..इंजीनियरिंग पास जब ये नौजवान अपने बाल काढ़कर और टाई लगाकर नौकरी के लिए घर से निकलता है तो किसी बड़ी नौकरी की जगह, घर के सामने खड़ा एक ई-रिक्शाÓ नजर आता है। वह गुस्से में अपनी टाई निकाल कर उस ई रिक्शाÓ को ड्राइवर बन चलाने के लिए बैठ जाता है, और गुस्से से भर कर कहता है मेरे विकास का दो हिसाबÓ। फिर आता है हाथÓ का वही चिह्न जो कहता है कि हाथ बदलेगा हालातÓ।इनके बरक्स भाजपा के विज्ञापन कुछ अलग भाषा बोलते नजर आते हैं। एक विज्ञापन काफी लंबा है। इसमें मोदी की अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं से लोगों को पहुंच रहे लाभों को आम लोगों द्वारा ही कई भाषाओं में गाकर बताया जाता है, और अंत में कहा जाता है ये तो अभी ट्रेलर हैÓ और अंत में सब कहते हैं कि जब मोदी की गारंटी हमारा कल्याण है तो हमारी गारंटी मोदी को जिताना है। अंत में ऊपर विकसित भारतÓ लिखा आता है, और नीचे मोदी के चित्र के साथ लिखा आता है अबकी बार मोदी सरकार!Ó ऐसे ही एक विज्ञापन में तीन युवक मोदी द्वारा किए गए राम मन्दिर, काशी विनाथ कॉरिडोर समेत अन्य तीथरे के विकास के बारे में खुशी-खुशी बताते हुए भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने की बात करते हैं, और कहते हैं ये तो अभी ट्रेलर हैÓ..फिर कहते हैं कि ये मोदी की गारंटी है तो हमारी भी गारंटी है कि मोदी को जिताएं..। ऐसे ही एक विज्ञापन एक परिवार की तीन पीढ़ी की स्त्रियों के जरिए कहता है कि मोदी जी ने दवाएं सस्ती की, मुफ्त इलाज की व्यवस्था की। अब सब खुश हैं। एक बच्ची कहती है मोदी जी कहते हैं कि ये तो अभी ट्रेलर हैÓ.. जब मोदी हमारे लिए इतना करते हैं तो हमारी गारंटी मोदी को जिताने की है..ऐसे ही, एक पिता-पुत्री मोदी द्वारा किए गए विकास कार्यों की चरचा करते हैं। फिर कहते हैं मोदी जी के कहते हैं ये तो अभी ट्रेलर हैÓ..। फिर पुत्री कहती है कि हमारा सपना पूरा करने की गारंटी मोदी जी की तो मोदी जी का सपना पूरा करने की गारंटी हमारी..।Óमोदी की गारंटीÓ के बदले जनता की मोदी को जिताने की गारंटीÓ की बात जनता की थैंक्स गिविंगÓ की तरह दिखती है। जैसे पब्लिक कहती हो कि उन्होंने हमारे लिए इतना किया तो हमारा भी कर्त्तव्य है कि उनके लिए भी कुछ करें..कहने की जरूरत नहीं कि ये विज्ञापन इंटरएक्टिव विज्ञापनÓ हैं, जो पॉजिटिव संदेश देकर जाते हैं और जो मोदी की नीतियों से बने लाभार्थियों को मोदी के पक्ष में एक्टिवेटÓ भी करते हैं। यहां एक भी चेहरा किसी से नाराज नहीं दिखता।सब मोदी की गारंटियों के दीवाने दिखते हैं। यह इनका फीलगुड फेक्टरÓ है जबकि कांग्रेसी विज्ञापनों में नाराजी अधिक मुखर है। वे मोदी शासन के विरोध में जनता की नाराजी को हवा देते दिखते हैं। मानो जनता सत्ता से उतनी ही नाराज हो जितनी कि कांग्रेस नाराज है। कांग्रेस का एक तीसरा विज्ञापन अवश्य जरा पॉजिटिव दिखता है। इसमें तीस लाख पक्की नौकरी देने का वादा किया जाता है। फिर एक युवक को नौकरी मिली बताई जाती है। अंत में बड़े अक्षरों में जून, 2024Ó लिखा आता है। साथ ही हाथÓ के चित्र के साथ हाथ बदेलगा हालातÓ वाली कैचलाइन भी नजर आती है। साफ है कांग्रेसी विज्ञापनों में नाराजी ज्यादा दिखती है, जो विज्ञापन कला के हिसाब से भी उचित नहीं दिखती क्योंकि पॉजिटिवÓ विज्ञापनÓ ही असर करते हैं। नकारातमक विज्ञान कारगर नहीं होते। इस मानी में मोदी के विज्ञापन हर बार पॉजिटिव संदेश देते लगते हैं। इस तरह वे अधिक कारगर नजर आते हैं।




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment