महुआ का मामला उलटा पड़ सकता है

  • 11-Dec-23 12:00 AM

भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल की महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता समाप्त करा दी। पहले उसके एक सांसद ने महुआ के पार्टनर रहे एक व्यक्ति की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेजों के आधार पर आरोप लगाया कि महुआ ने पैस लेकर संसद में सवाल पूछे हैं। फिर उसी भाजपा सांसद ने स्पीकर से लेकर लोकपाल तक में महुआ की शिकायत की। फिर भाजपा सांसद की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी में भाजपा के सांसदों ने छह-चार के बहुमत से महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने का प्रस्ताव मंजूर कराया। उसके बाद इस रिपोर्ट को लोकसभा में रखा गया, जिसे भाजपा के सांसदों ने पास किया और इस तरह से महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई।महुआ पहली बार की लोकसभा सांसद थीं और महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के तौर पर उभर रही थीं। अपने फायरब्रांड भाषणों की वजह उनको इंस्टेंट लोकप्रियता मिली थी। फासीवाद पर दिए अपने भाषण और अडानी के खिलाफ स्टैंड को लेकर वे चर्चा में रहीं। पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों के बाद भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उनको समर्थन मिला। बाद में उनकी पार्टी भी उनके पक्ष में खड़ी हुई और सदस्यता समाप्त होने से पहले ही उन्हें संगठन की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। अब पार्टी ने उनको लोकसभा चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। वे खुद कह रही हैं कि वे पहले से ज्यादा अंतर से जीतेंगी। सदस्यता खत्म होने के बाद उन्होंने इसे महिला को प्रताडि़त करने और उसे सजा देने का मुद्दा बनाया है। भाजपा भी महिल मतदाताओं को अपने साथ जोडऩे के अभियान में लगी है लेकिन ममता और महुआ मोइत्रा का मामला बांग्ला महिलाओं में अपील कर सकता है। इसलिए भाजपा को इस मामले में सोच-समझ कर आगे बढऩा चाहिए।




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