मौद्रिक नीति यथावत
- 12-Jun-24 12:00 AM
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भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार आठवीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है यानी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को 6.5 फीसद पर बनाए रखा है।रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 4 फरवरी, 2023 को दर 0.25 फीसद बढ़ाकर 6.5 फीसद की थी। सात जून को आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिनी बैठक में लिए गए इस बाबत निर्णय की जानकारी देते हुए ब्याज दरों के यथावत रहने की घोषणा की यानी मकान, वाहन और अन्य कर्ज महंगे नहीं होंगे।समिति के छह में से चार सदस्यों ने ब्याज दरों को यथावत बनाए रखने जबकि दो सदस्यों ने इससे अलग राय जताई थी। दरअसल, आर्थिक वृद्धि दर मजबूत बनी हुई है जबकि मुख्य मुद्रास्फीति में नरमी से खुदरा महंगाई में लगातार कमी आ रही है। ईधन की महंगाई दर में भी कमी जारी है।इसलिए केंद्रीय बैंक के लिए ब्याज दरों को यथावत बनाए रखने में आसानी रही। लेकिन महंगाई की दर के अपेक्षित से ज्यादा बने रहना सरकार के लिए चिंता का सबब अवश्य है और वह महंगाई चार फीसद के मानक स्तर पर लाने के लिए बराबर सतर्कता बरत रही है।उसकी चुनौती इस मोच्रे पर कड़ी है क्योंकि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के मुताबिक 2023-24 में महंगाई 4.83 फीसद दर्ज की गई जो अपेक्षित स्तर से ऊंची है। इसके निकट भविष्य में नीचे आने की उम्मीद भी नहीं है। अलबत्ता, वर्ष के ज्यादातर समय इसके 4.5 फीसद के आसपास बने रहने का आकलन है।अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति में मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि की गति के मद्देनजर रिजर्व बैंक पहले ही पूर्वानुमान लगा चुका था कि मुद्रास्फीति 4.5 फीसद के आसपास रहेगी। बाजार का भी यही आकलन था। इस बीच, केंद्र में गठबंधन सरकार शपथ ले चुकी है।भले ही सरकार के रुख को लेकर अनिश्चितता है लेकिन इतना तय है कि सरकार का रुख लचीला रहेगा। वह कुछ डेफिसिट के साथ भी काम चलाना चाहेगी बशत्रे आम जन को सहूलियत मिले। मानसून निकट है, और अच्छा मानसून रहने के अनुमान से भी मौद्रिक मैकेनिज्म से दामों को काबू में रखने का उपाय कारगर माना जाएगा।यही कारण है कि रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति को यथावत रखने के साथ ही मुद्रास्फीति में कमी लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई है।अलबत्ता, केंद्रीय बैंक निकट भविष्य में खाद्य मुद्रास्फीति में किसी भी बढ़ोतरी के जोखिम पर बराबर नजर रखेगा ताकि मुद्रास्फीति चार फीसद के स्तर पर लौटे।
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