रेसीप्रोकल टैरिफ से भारत भी प्रभावित
- 27-Feb-25 12:00 AM
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एसएंडपी की आकलन रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो ट्रंप प्रशासन के इस कदम से सारी दुनिया प्रभावित होगी, लेकिन एशिया- प्रशांत क्षेत्र के देशों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। इन देशों में भारत भी एक है।अंतरराष्ट्रीय एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने आगाह किया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्क (रेसीप्रोकल टैरिफ) से जो देश सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे, उनमें भारत भी है। एसएंडपी की आकलन रिपोर्ट के मुताबिक वैसे तो ट्रंप प्रशासन के इस कदम से सारी दुनिया प्रभावित होगी, लेकिन एशिया- प्रशांत क्षेत्र के देशों को इससे सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। वियतनाम, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्थाएं अमेरिका से अधिक जुड़ी हुई हैं। भारत और जापान की घरेलू अर्थव्यवस्थाएं अपेक्षाकृत बेहतर स्थिति में हैं, इससे ये दोनों एक हद तक ट्रंप के टैरिफ की मार को झेल जाएंगे। मगर दोनों देशों के लिए अमेरिका वह स्थल है, जहां उनके निर्यात की बड़ी मात्रा जाती है।जिन चंद बड़े देशों के साथ कारोबार में भारत व्यापार लाभ की स्थिति में है, उनमें अमेरिका प्रमुख है। वरना, चीन और रूस जैसे देशों के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ता चला गया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में फरवरी तक चीन से भारत 101 बिलियन डॉलर का आयात कर चुका होगा, जबकि अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 तक भारत से चीन को हुआ कल निर्यात 14.85 बिलियन डॉलर का ही था। साल भर पहले से तुलना करें, तो इसमें डेढ़ बिलियन डॉलर से भी कम की बढ़ोतरी हुई। ऐसे में अमेरिकी बाजार से होने वाले व्यापार लाभ का भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान है। अब ट्रंप ने समान मात्रा में आयात शुल्क लगाने का फैसला कर इस लाभ को समाप्त करने की दिशा में कदम उठाया है।आशंका है कि इससे अमेरिकी बाजार में भारतीय वस्तु एवं सेवाएं महंगी हो जाएंगी, नतीजतन इनका उपभोग वहां घट सकता है। इससे निर्यात में गिरावट आएगी। डब्लूटीओ नियमों के तहत विकासशील देश होने के नाते भारतीय निर्यात को विशेष सुविधा मिली रही है। मगर ट्रंप किसी अंतरराष्ट्रीय नियम को नहीं मानते। बहरहाल, यह सिर्फ अफसोस करने का मुद्दा नहीं है। बल्कि यह एक अवसर भी हो सकता है, अगर सबक लेते हुए अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जाए। क्या भारत सरकार और यहां के निजी क्षेत्र में ऐसा करने की बौद्धिक क्षमता एवं साहस है?
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