सिजेरियन डिलीवरी के साइड इफेक्ट क्या हैं? स्टडी में खुलासा सी-सेक्शन मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक

  • 10-Feb-25 12:00 AM

आजकल किसी से भी पूछो अधिकांश गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी नॉर्मल की बजाय सी-सेक्शन से कराई जा रही है. एक स्टडी के अनुसार भारत में 29 फीसदी से ज्यादा डिलीवरी सिजेरियन हो रहीं हैं, जिनका सामान्य प्रसव किया जा सकता था. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी भारत में इसकी संख्या को घटाने की सिफारिश की है. पीयर-रिव्यू जर्नल क्चरूष्ट प्रेग्नेंसी एंड चाइल्डबर्थ में पब्लिश एक स्टडी रिपोर्ट के अनुसार सिजेरियन के कई साइड इफेक्ट हैं.सिजेरियन यानी सी-सेक्शन डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक है. वहीं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (ढ्ढढ्ढञ्ज रूड्डस्रह्म्ड्डह्य) की एक स्टडी में ये खुलासा हुआ है. जिसमें बताया गया है कि पिछले 5 से 8 साल में देश में सिजेरियन (ष्टद्गह्यड्डह्म्द्गड्डठ्ठ) की मदद से बच्चों के जन्म होने के मामले काफी ज्यादा बढ़े हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से. भारत में कितनी बढ़ी सिजेरियन डिलीवरी स्टडी के अनुसार भारत में 2016 से 2021 तक सिजेरियन सेक्?शन से डिलीवरी में इजाफा हुआ है. इसकी संख्या पहले 17.2 परसेंट थी, जोकि बढ़कर 21.5त्न तक पहुंच गई है. स्टडी में पाया गया कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा वजन और अधिक उम्र (35-49 साल) की महिलाओं में सिजेरियन डिलीवरी होने की संख्या दोगुनी थी.सिजेरियन के साइड इफेक्टसंक्रमण का खतरासिजेरियन डिलीवरी के दौरान महिलाओं के पेट में गहरा कट लगता है. इसकी रिकवरी के लिए डॉक्टर कई दवाइयां देते हैं. लेकिन अगर आपने घाव को लेकर जरा भी लापरवाही बरती तो घाव में संक्रमण का खतरा रहता है. संक्रमण होने पर घाव में सूजन, रेडनेस और इचिंग जैसे लक्षण नजर आते हैं.ब्लैडर में नुकसान सिजेरियन डिलीवरी के बाद ब्लैडर में नुकसान होने का खतरा रहता है. किडनी में भी नुकसान हो सकता है. इससे रिकवरी के लिए महिला को एक और सर्जरी से गुजरना पड़ सकता है. हालांकि, इसके मामले कम ही देखने को मिलते हैं. गर्भाशय की लाइनिंग में संक्रमणसिजेरियन डिलीवरी के बाद गर्भाशय की लाइनिंग में इंफेक्शन का डर रहता है. इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार, पेट में दर्द और असामान्य वजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है. यही नहीं, सिजेरियन डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं को अगर वूम्बर लाइनिंग इंफेक्शन हो जाए, तो हैवी ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है.गर्भाशय में सूजनयूं तो डिलवरी के बाद महिलाओं के गर्भाशय में सूजन रहती है, जो करीब 6 सप्ताह बाद सामान्य अवस्था में लौट आती है. लेकिन सही नहीं होने पर कंडीशन के बिगडऩे का रिस्क रहता है.




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment