सूची घोषित करती कांग्रेस और सेंध लगाती भाजपा
- 11-Mar-24 12:00 AM
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अरुण पटेललोकसभा चुनाव में 400 पार की जुगत करने के लिए जहां भाजपा अपने सहयोगियों की संख्या बढ़ाती जा रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का पलायन भी भाजपा की ओर उसी तेजी से हो रहा है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की न्याय यात्रा जहां-जहां से गुजर रही है वहां भी कोई न कोई बड़ा कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो रहा है। मध्यप्रदेश में भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का अभियान छेड़े हुए हैं ताकि कांग्रेस को मैदान के साथ ही मनोवैज्ञानिक शिकस्त भी दें तथा कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं में जो हार की हताशा से उबरने की कोशिश कर रहे हैं फिर नैराश्य की वादियों में खो जायें। फिलहाल तो छत्तीसगढ़ में कोई दलबदल अभी तक नहीं हुआ है लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते इसकी संभावना को नकारा भी नहीं जा सकता क्योंकि भाजपा ऐन केन प्रकारेण कांग्रेस को राजनीतिक फलक पर अप्रासंगिक करने की मुहिम छेड़े हुए है। लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं व नेताओं में उम्मीद भी जाग रही है कि अब उन्हें अपनी पार्टी में कुछ मौका मिल जाये जिन्हें नेताओं की गणेश परिक्रमा न करने के कारण कोई मौका नहीं मिल पाता था। कांग्रेस ने 39 उम्मीदवारों की जो पहली सूची जारी की है उसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल और अभी तक सबको चुनाव लड़ाने वाले और राज्यसभा के माध्यम से सांसदी का लाभ लेने वाले के. सी.वेणुगोपाल को भी अब लोकसभा चुनाव लडऩा होगा। इस प्रकार कुछ और कांग्रेस नेताओं की अग्नि परीक्षा अब चुनाव में हो सकती है जो अभी तक चुनाव से बचते रहते थे।मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एक बड़े नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने आज अपने अधिकांश समर्थकों के साथ भाजपा में प्रवेश कर लिया है। जो लोग भाजपा में शामिल हुए हैं उनमें इंदौर के पूर्व कांग्रेसी विधायक विशाल पटेल, संजय शुक्ला और पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और अब कांग्रेस नेता बने अर्जुन पलिया, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष रहे आलोक चंसोरिया, भोपाल नगर पालिक निगम के सभापति रहे कैलाश मिश्रा तथा योगेश शर्मा, अतुल शर्मा, सुभाष यादव, दिनेश ढिमोले, जसपाल सिंह अरोरा शामिल हैं। इस अवसर पर सुरेश पचौरी ने कहा कि भगवान श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन हो रहा था जिसके निमंत्रण पत्र को अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर जब ठुकरा दिया गया तब मुझे आघात पहुंचा, मैं अयोध्या में राम मंदिर का पक्षधर आरंभ से रहा हूं, निमंत्रण पत्र को अस्वीकार करने की आवश्यकता नहीं थी। मैं स्वामी शंकराचार्य स्वरुपानंद का दीक्षित शिष्य हूं मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भेजा कि जाओ शंकराचार्य जी से पूछ कर आओ कि क्या करना है, तो उन्होंने कहा कि अयोध्या में शिलान्यास हो और मंदिर बने। सितम्बर 1999 में राजीव जी ने जवाब दिया कि तदानुसार काम हो फिर हम तत्कालीन गृहमंत्री बूटासिंह के साथ गये और वहां शिलान्यास किया। वहां अशोक सिंघल जी भी थे, फिर अब निमंत्रण पत्र अस्वीकार करने की आवश्यकता कहां से पड़ गयी। राम मंदिर का ताला खुलना, शिलान्यास होना किसके कार्यकाल में हुआ यह बोला जा सकता था।भाजपा में उपरोक्त नेताओ को शामिल करने के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन वास्तव में एक नया इतिहास बनने जा रहा है। वैसे तो सबको आहट थी कि जहां-जहां राहुल गांधी जाते हैं वहां कांग्रेस के काम करने के तरीके का असर आता है। अच्छे स्थापित स्वच्छता के साथ राजनीति करने वाले, मन की भावनाओं के आधार पर काम करने वाले नेता हर दल के अंदर होते हैं लेकिन साफ-सुथरी राजनीति करने वालों को काम करने की अनुकूलता देना, मौका देना, यह नेतृत्व पर निर्भर करता है। यह दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस का नेतृत्व ऐसे स्वच्छता व साफ सोच के साथ राजनीति करने वाले नेता जो देश के विकास के लिए राजनीति करते हैं ऐसे लोगों को निराश करता है, ऐेसे में कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति कांग्रेस के लिए काम नहीं करना चाहेगा। मैं तो कहूंगा कि राहुल गांधी दो-तीन यात्राएं और निकालें क्योंकि अभी जहां-जहां राहुल गांधी जाते हैं वहां-वहां कांग्रेस साफ होती जा रही है। डॉ. यादव ने कहा कि महात्मा गांधी की भावना को सही साबित करने का काम राहुल गांधी कर रहे हैं, महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना था कि आज की घटना मध्यप्रदेश की राजनीति की असाधारण घटना है। सुरेश पचौरी जी के संस्कारों का मैं आरंभ से ही कायल था। वह दो-दो पीएम के साथ रहे लेकिन उनके दामन में एक भी दाग नहीं लगा, जिन पदों पर उन्होंने काम किया वहां उन्होंने एक अलग छाप छोड़ी। कांग्रेस का दुर्भाग्य है कि वह एक दिशाहीन नेता के नेतृत्व में काम कर रही है। यह अदभुत समय है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के पीछे पूरा हिंदुस्तान खड़ा है, पचौरीजी मेरे सीनियर रहे हैं, मैं उनका जूनियर रहा हूं। अब साथ काम करने का मौका मिलेगा।राम वन पथ गमन का विकासडॉ. मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही राम वन पथ गमन के विकास में गति आ गयी है। पहले आरंभ में शिवराज सिंह चौहान की सरकार में जोरशोर से राम पथ गमन का काम आरंभ हुआ था, लेकिन फिर उसकी गति कुछ धीमी हो गई। बाद में एक प्रकार से वहां नाममात्र के काम ही हुए। लेकिन डेढ़ दशक बाद जब कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी तब उन्होंने फिर से इसकी सुध ली और काम में तेजी आई। डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व संभालने के साथ ही राम वन पथ गमन के जो काम हो रहे थे उनमें तेजी आ गयी और इसके विकास की जिम्मेदारी सात विभागों को दे दी गयी है। लोकसभा चुनावों के बाद ये विभाग पूरे विकास कार्यों का ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। पहले चरण में चित्रकूट और अमरकंटक को लिया जायेगा जिसका मास्टर प्लान बनेगा ताकि इन शहरों को सुव्यवस्थित बनाया व बसाया जा सके। धार्मिक पर्यटन के लिए विशेष सुविधायें उपलब्ध कराई जायेंगी। राम वन पथ गमन का विकास, केंद्र सरकार की ईको पर्यटन योजना से किया जायेगा। प्रदेश से पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, नगरीय प्रशासन, धर्मस्व, संस्कृति, पर्यटन, जल संसाधन, राजस्व, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा लोक निर्माण विभाग सहयोग करेंगे। मध्यप्रदेश के हिस्से वाले चित्रकूट का विकास मध्यप्रदेश सरकार करेगी और इसके लिए चित्रकूट को जिला भी बनाया जा सकता है। मध्यप्रदेश सरकार चित्रकूट में अंतर्राष्ट्रीय रामलीला कराने पर विचार कर रही है, इसके साथ ही दीपावली के समय विभिन्न तरह के उत्सव व धार्मिक आयोजन किए जायेंगे। त्यौहारों के उत्सव का काम संस्कृति विभाग करेगा। ग्रामीण विकास व पर्यटन विभाग घाटों का विकास करेगा। मंदाकिनी घाट का विकास ये दोनों विभाग करेंगे। जल संसाधन विभाग मंदाकिनी की धारा को अविरल बनाने का काम करेगा। नदी के ऊपर बने चेक डेम से पानी छोडऩे पर और बारिश के पानी को छोटे डेमो से रोकने का काम किया जायेगा। वन विभाग औषधि वन लगाने का काम करेगा। चित्रकूट और अमरकंटक में औषधि वन तैयार करने का काम वन विभाग को सौंपा गया है। वन विभाग इन क्षेत्रों में पाये जाने वाले औषधि पौधों का संरक्षण करेगा।और यह भीसुरेश पचौरी ने कहा है कि हमें कैलाश विजयवर्गीय से मंत्र सीखना है कि चुनाव लड़ें तो जीता कैसे जाता है। मेरा ध्येय समाज सेवा और राष्ट्र सेवा का था। आज जातिवाद की बात हो रही है इससे जाति संघर्ष बढ़ रहा है। पिछले दिनों से जो राजनीतिक व धार्मिक निर्णय कांग्रेस में हो रहे हैं वह दुखी करने वाले हो रहे हैं। कांग्रेस महामंत्री डॉ. रवि सक्सेना ने ट्वीटर के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिन्हें दोनों हाथों से भरपूर मान-सम्मान और पद-प्रतिष्ठा दी उन्होंने ही की गद्दारी, भाजपा में एक दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात, इन्होंने मिटा दी अपनी खुद्दारी।
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