(अमेठी) विश्व नदी दिवस पर जिले में हुए विविध कार्यक्रम
- 28-Sep-25 12:00 AM
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नदियां हमारी सभ्यता की परिचायकअमेठी 28 सितम्बर।जिले में विश्व नदी दिवस पर रविवार को विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। जनपद की नदियां एवं जलस्रोतविषय पर अमेठी जलबिरादरी की ओर से मालती नदी के दशरथ घाट पर विचार-विमर्श का शुभारम्भ नदी पूजन के साथ हुआ। संगठन के अध्यक्ष डॉ अर्जुन पाण्डेय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि जनपद की मालती एवं उज्जयिनी नदियां विगत पांच दशक पूर्व वर्ष भर प्रवाहित होते दिखती थी आज केवल वर्षाकाल में इनमें जल देखने को मिलता है।जनपद के बचे-खुचे तालाबों में गाद के जबरदस्त जमाव के कारण चौमासे में भी जल का संचयन न होने से भूगर्भ जल स्तर का तेजी से गिरना चिंता का विषय है।मुख्य अतिथि पानी पत्रकार अरुण तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि समाज अपने छोटे- छोटे काम तय करे। जनपद में अत्यधिक जलदोहन रुके।अध्यक्षता करते हुए बलदेव सिंह ने कहा कि दशरथ घाट पर प्रति वर्ष नवरात्र पर सैकड़ों की संख्या में मूर्तियों का विसर्जन तभी सम्भव है जब मालती नदी सतत प्रवाहित होती रहे। कैलाश सिंह ने कहा कि मालती एवं उज्जयिनी साल भर बहे इसके लिए जनपद के मसियांव तिलोई मैहार रैदहाकसरांवा समदाचंदवा बढ़ैला एवं बढऩी आदि तालों में जमें गाद की निकासी की व्यवस्था की जाय।राम बरन पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान जल संकट से उबरने के लिए पुरानी पीढ़ी के जल कौशल को समझना होगा। गिरीश तिवारी ने कहा कि जनपद पानीदार बने इसके लिए युवा पीढ़ी को जागरूक करने की जरूरत है।विचार-विमर्श के दौरान महराजदीन प्रधान सहित जगदम्बा तिवारी लालजी शुक्ल कालिका तिवारी गायत्री प्रसाद मिश्र शिवशंकर पाण्डेय संजय मिश्र आदि ने अपने विचार रखे।इस अवसर पर अनुभव मिश्र बालकृष्ण ओझा राम बदन राम करन काशी प्रसाद मिश्र दिनेश कुमार अंजनी तिवारी राकेश चंद्र राम प्रताप निज़ामुद्दीन एवं शिवलाल आदि मौजूद रहे। वहीं विश्व नदी दिवस पर रविवार को नगर स्थित चाणक्यपुरी मोहल्ले में साधना फाउंडेशन के तत्वावधान में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें वक्ताओं ने नदियों की दशा को लेकर चिंता व्यक्त की। फांउडेशन की सचिव साधना त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि नदियों की दयनीय दशा चिन्ता का विषय है समाज के लोगों को इसके लिए जागृत होकर मुहिम छेडऩे की आवश्यकता है। नदिया जीवनदायिनी हैं हमारी सभ्यता का विकास नदियों के किनारे हुआ। उन्होंने ऐतिहासिक धार्मिक सामाजिक और व्यवसायिक बिंदुओं को केंद्रित करते हुए वक्तव्य दिया। कार्यक्रम को पूर्व प्रधान सीताराम मिश्र अधिवक्ता जगन्निवास मिश्र सुनील त्रिपाठी आदि लोगों ने संबोधित किया।इसी प्रकार अन्य क्षेत्रों में भी विश्व नदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने नदियों के संरक्षण सफ़ाई के लिए जन जागरण पर बल दिया।
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