
(कोरबा) फि जिक्स, केमेस्ट्री और संस्कृत से दूर हुआ डर, विद्यार्थियों का भी आसान लगने लगी कठिन डगर
- 20-Sep-25 12:00 AM
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० युक्ति युक्तकरण से वनांचल के केरवाद्वारी हायर सेकेण्डरी स्कूल में बदल गया है पढ़ाई का माहौलकोरबा 20 सितंबर (आरएनएस )। करतला विकासखण्ड के अंतर्गत वनांचल ग्राम केरवाद्वारी के ग्रामीण अपने बच्चों को उच्च षिक्षा से जोडऩे के लिए इतने सजग है कि इन्होंने गांव में संचालित हाई स्कूल को हायर सेकेण्डरी में उन्नयन करने की मांग कई वर्षों से जारी रखी थी। उनकी यह मांग तीन साल पहले ही पूरी तो हो गई और हायर सकेण्डरी स्कूल के रूप में उन्नयन के साथ स्कूल में विज्ञान संकाय में दाखिला भी होने लगा, लेकिन दुर्भाग्यवष विद्यालय में विज्ञान संकाय के अंतर्गत आने वाले महत्वपूर्ण विषय भौतिक, रसायन के ही नियमित व्याख्याता नहीं थे। महत्वपूर्ण विषय का व्याख्याता नहीं होने का खामियाजा वनांचल में रहने वाले विद्यार्थियों को ही उठाना पड़ा। छात्रों के अभिभावक भी परेषान थे कि उन्होंने गांव में केवल हायर सकेण्डरी स्कूल खुलने का सपना ही नहीं देखा था, बल्कि उनका सपना था कि यहां सभी विषयों की नियमित पढ़ाई हो, सभी विषयों को पढ़ाने वाले षिक्षक हो, लेकिन उनका यह सपना अधूरा का अधूरा ही था। भले ही जिला स्तर पर मानदेय षिक्षकों की व्यवस्था कर कक्षाएं संचालित की गई, लेकिन नियमित षिक्षकों की कमी विद्यार्थियों और उनके पालको की एक बड़ी समस्या बनकर रह गई थी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देष पर जब स्कूल षिक्षा विभाग द्वारा युक्ति युक्तकरण की प्रक्रिया अपनाई गई तो महत्वपूर्ण विषयों के व्याख्याताओं को तरसने वाले इस विद्यालय में फिजिस्क्स, केमेस्ट्री ही नहीं संस्कृत विषय के भी व्याख्याता मिल गये। हायर सकेण्डरी स्कूल केरवाद्वारी में भौतिकी विषय में श्रीमती ज्योति षर्मा, रसायन में श्रीमती सुधारानी राठौर और संस्कृत विषय में श्री उत्तम कुमार तिवारी का व्याख्याता के रूप में पदस्थापना ने विद्यार्थियों के लिये कठिन सा लगने वाला यह विषय आसान हो गया है।राज्य षासन द्वारा युक्ति युक्तकरण के तहत अतिषेष षिक्षकों को रिक्त पदो वाले विद्यालय में पदस्थ किये जाने से अनेक विद्यालयों में पढ़ाई का माहौल ही बदल गया है। जिले के करतला विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले ग्राम केरवाद्वारी के हायर सेकेण्डरी विद्यालय में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का भी सपना था कि उनके विद्यालय में नियमित व्याख्याता हो। खासकर विज्ञान संकाय के विद्यार्थियों को रसायन और भौतिकी विषय के षिक्षकों की दरकार थी, क्योंकि विद्यालय में इन विषयों के रेगुलर लेक्चरर तब से पदस्थ नहीं थे, जब से विद्यालय हायर सेकेण्डरी के रूप में उन्नयन हुआ था। युक्ति युक्तकरण के बाद भौतिकी विषय में ज्योति षर्मा, रसायन में श्रीमती सुधारानी राठौर और संस्कृत विषय में श्री उत्तम कुमार तिवारी का व्याख्याता के रूप में पदस्थापना होने से गांव के विद्यार्थियों में खुषियां व्याप्त है। विज्ञान विषय लेकर पढ़ाई करने वाली कक्षा बारहवी की छात्रा रष्मि राठिया, रीना राठिया, प्रेमलता, रामेष्वरी, छात्र खिलेष्वर, कक्षा ग्यारहवीं के छात्र रोषन कुमार, छात्रा कुमारी सरस्वती मंझुवार ने बताया कि विद्यालय में फिजिक्स, केमेस्ट्री विषय के रेगुलर षिक्षक नहीं थे। सत्र षुरू होते ही षिक्षकों की पदस्थापना से हमारी उलझने दूर हो गई है। इन विषयों को चुनने के साथ ही हम पर भी दबाव रहता है कि समझ में नहीं आ सकने वाले सवालों को कैसे ठीक से समझ पाये। विद्यार्थियों ने बताया कि भौतिकी और रसायन विषय की षिक्षिकाओं द्वारा न सिर्फ किताबों के आधार पर विषय को समझाया जाता है, उनके द्वारा महत्वपूर्ण उदाहरणों के आधार पर भी विस्तारपूर्वक कठिन सवालों को सरल तरीके से समझाया जाता है। विद्यार्थियों ने बताया कि भौतिकी विषय में श्रीमती ज्योति षर्मा, रसायन में श्रीमती सुधारानी राठौर मैडम उनकी नियमित क्लास लेती है। उनके यहां पदस्थ होने से माहौल बदला है। छात्राओं का कहना है कि षर्मा और राठौर मैडम हम सभी के बीच इस तरह से रहती है कि हमें उनसे कोई सवाल पूछने में झिझक नहीं होती। विद्यार्थियों का कहना है कि हम सभी गांव के रहने वाले हैं और यह हमारे लिये सौभाग्य का विषय भी है कि सरकार ने गांव के विद्यालयों के बारे में सोचा। हम लोग भी चाहते हैं कि स्कूल में साइंस जैसे विषय की पढ़ाई कर कॉलेज की पढ़ाई करें। विद्यालय के प्राचार्य श्री सतीष कुमार गुप्ता ने बताया कि स्कूल में कक्षा नवमीं में 32, दसवीं में 19 और ग्यारहवीं में 30 तथा बारहवी में 25 विद्यार्थी है। उन्होंने बताया कि नियमित व्याख्याताओं के आने के बाद स्थिति बदली है और आने वाले समय में और भी बदलेगी। गांव के अन्य विद्यार्थी साइंस सहित अन्य विषय लेकर पढ़ाई करेंगे।
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