(कोलकाता)शिक्षक पात्रता परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंगाल के प्राथमिक शिक्षक चिंतित
- 18-Sep-25 12:00 AM
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डब्ल्यूबीपीटीए के प्रतिनिधिमंडल ने की शिक्षामंत्री ब्रात्य बसु से मुलाकातकोलकाता 18 सितंबर (आरएनएस)। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से पश्चिम बंगाल के 2012 से पहले नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों में चिंता बढ़ गई है। इस फैसले के अनुसार, सभी प्राथमिक शिक्षकों को सेवा में बने रहने या पदोन्नति पाने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य होगा, भले ही उनकी नियुक्ति कभी भी हुई हो। पश्चिम बंगाल तृणमूल प्राथमिक शिक्षक समिति (डब्ल्यूबीपीटीए) ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की है। समिति के प्रदेश अध्यक्ष पलाश साधुखां ने प्रभावित शिक्षकों को आश्वस्त किया है कि उनका संगठन उनकी सेवा और आजीविका की सुरक्षा के लिए उनके साथ मजबूती से खड़ा है। पश्चिम बंग तृणमूल प्राथमिक शिक्षक समिति के उत्तर कोलकाता के अध्यक्ष आलोक कुमार शुक्ल ने बताया कि 12 सितंबर 2025 को डब्ल्यूबीपीटीए के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी मंत्री ब्रात्य बसु से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को शिक्षकों की चिंताओं से अवगत कराया। मंत्री श्री बसु ने आश्वासन दिया है कि वह इस मामले को देखेंगे और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान निकालेंगे।समिति ने इस मुद्दे को पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पाल के संज्ञान में भी लाया है, जिन्होंने पूरा सहयोग देने का वादा किया है। ज्ञात हो कि ये शिक्षक अपनी नियुक्ति के समय सभी आवश्यक योग्यताएं पूरी कर चुके थे। डब्ल्यूबीपीटीए को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर पूरा भरोसा है कि वे बड़ी संख्या में शिक्षकों की सेवा को सुरक्षित करेंगे और उनके भविष्य को सुरक्षित रखेंगे। समिति ने सभी शिक्षकों से एकजुट रहने और यह भरोसा रखने की अपील की है कि उनकी सेवा को बचाने के लिए प्रयास जारी हैं।
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