2 लाख करोड़ का रियल एस्टेट रिवाइवल प्लान: यूनिटेक के पास है भारत का सबसे कीमती ज़मीन पोर्टफोलियो

  • 21-Jun-25 12:00 AM

0-नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा से लेकर चेन्नई तक-भारत के सबसे बड़े भू-भंडार में छिपा है पुनरुत्थान का रहस्य0-सुप्रीम कोर्ट और नोएडा अथॉरिटी की ताज़ा मंज़ूरी से बंद प्रोजेक्ट्स को मिली नई सांस, निवेशकों और खरीदारों के लिए उम्मीद की नई किरणनई दिल्ली , 21 जून (आरएनएस)। भारत के सबसे चर्चित रियल एस्टेट ब्रांड यूनिटेक लिमिटेड अब पुनरुत्थान की राह पर है। वर्षों से कानूनी पेचीदगियों और प्रोजेक्ट देरी में उलझी कंपनी अब अपनी 1,000 एकड़ से अधिक मूल्यवान ज़मीन से 2 लाख करोड़ से अधिक का राजस्व उत्पन्न कर सकती है — यह वही ज़मीन है जो देश के सबसे प्रीमियम रियल एस्टेट मार्केट्स जैसे नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, वाराणसी, गुडग़ांव और चेन्नई में स्थित है। देश का रियल एस्टेट सेक्टर 2025 में 332.85 बिलियन से बढ़कर 2030 तक 985.80 बिलियन तक पहुंचने की ओर अग्रसर है, और यूनिटेक की पोर्टफोलियो इस सुनहरे अवसर को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।नोएडा का ज़मीन खज़ाना: 88,000 करोड़ की क्षमता सिर्फ एक सेक्टर से नोएडा के सेक्टर 96, 97 और 98 में यूनिटेक के पास मौजूद 347 एकड़ ज़मीन भारत के शहरी विकास की नई कहानी लिख सकती है। पुराने स्वीकृत प्लान में करीब 7,000 फ्लैट्स प्रस्तावित थे, जिनमें प्रत्येक की औसतन साइज़ 5,000 वर्ग फीट है। आज के बाजार मूल्य पर (25,000 प्रति वर्ग फीट), सिर्फ इन आवासीय प्रोजेक्ट्स से लगभग ?85,000 करोड़ का संभावित राजस्व है। इसके अलावा, इस भूमि का 52त्न भाग आवासीय, 12त्न संस्थागत, 38त्न रिक्रिएशनल और सार्वजनिक उपयोग के लिए चिह्नित है, जिससे इसकी वाणिज्यिक और सामाजिक उपयोगिता और अधिक बढ़ जाती है। फिर भी, नए प्रबंधन द्वारा प्रस्तावित रिज़ॉल्यूशन प्लान में इसकी वैल्यू को केवल 5,641 करोड़ आँका गया—जो इसके असली मूल्य का एक अंश मात्र है। कंपनी पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से लगभग 11,000 करोड़ की देनदारियाँ हैं, जो यूनिटेक के अनुसार अनुचित और कानूनी रूप से गलत हैं। यदि इन मांगों का सही मूल्यांकन कर 505.80 करोड़ पर लाया जाए, तो कंपनी का वित्तीय संतुलन बहाल हो सकता है और प्रोजेक्ट्स दोबारा ज़ोर पकड़ सकते हैं।जुलाई 2024 में नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर 96, 97 और 98 में प्रोजेक्ट्स के लेआउट को हरी झंडी दी है और जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरईआरए से छूट मिलने से होमबायर्स के लिए फाइनेंसिंग आसान हो गई है।यूनिटेक लिमिटेड के पास आज भी भारत की सबसे मूल्यवान ज़मीनों में से एक है। ज़रूरत है तो सिर्फ पारदर्शी संचालन, ईमानदार वैल्यूएशन और ठप प्रोजेक्ट्स को पूर्ण करने की ठोस रणनीति की। एक बार जब यूनिटेक इस ज़मीन का सही उपयोग शुरू कर दे, तो न सिर्फ उसका अपना स्थान पुन: स्थापित होगा बल्कि लाखों होमबायर्स और निवेशकों का भरोसा भी बहाल होगा।




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