(खैरागढ़) खैरागढ़ में जलसंकट गहराया : मटका फ ोड़कर किया विरोध, 37 करोड़ की योजना बनी जनता की प्यास की वजह

  • 17-Sep-25 07:41 AM

खैरागढ़, 17 सितंबर (आरएनएस)।  एक ओर जहां लगातार बारिश से नदी-नाले और तालाब लबालब हैं, वहीं दूसरी ओर खैरागढ़ नगर के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। स्थिति इतनी विकट हो गई कि वार्ड नंबर 19, नया टिकरापारा के रहवासी मंगलवार को नगर पालिका कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन पर उतर आए। लोगों ने नगर पालिका कार्यालय के सामने मटके फोड़कर और जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी नाराजगी जताई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे लंबे समय से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। जुलाई में शिकायतें और आवेदन दिए गए थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। महिलाओं और बच्चों को रोजाना पानी के लिए कई मोहल्लों में भटकना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द पानी की टंकी का निर्माण शुरू नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र होगा।
सिर्फ पानी की ही नहीं, बल्कि वार्ड में खराब बिजली के खंभे और गंदगी से भरी नालियां भी बड़ी समस्याएं बनी हुई हैं। "मिशन संडे" अभियान से जुड़े मनराखन देवांगन ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता को बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है, और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
इस संकट की जड़ करीब 10 साल पुरानी एक जल आपूर्ति योजना को माना जा रहा है, जिसके लिए 37 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस योजना के तहत छिंदारी डेम (रानी रश्मिदेवी जलाशय) से पाइपलाइन के जरिए पूरे शहर में पानी पहुंचाया जाना था। योजना के अंतर्गत नगर की गलियों और सड़कों में पाइपलाइन तो बिछा दी गई, लेकिन डेम से पानी की आपूर्ति अब तक शुरू नहीं हो सकी। हैरानी की बात यह है कि मुख्य लाइन बिछाने से पहले ही शहर के भीतर पाइप डाले गए, जबकि डेम से जोडऩे का काम अधूरा रह गया।
अब नगर पालिका का कहना है कि पानी छिंदारी डेम से नहीं, बल्कि लालपुर स्टाफ डेम से लाया जाएगा और इसके लिए अतिरिक्त 2.46 करोड़ रुपये की मंजूरी भी मिल चुकी है। मगर जनता का सवाल है कि पहले से स्वीकृत 37 करोड़ की योजना अधूरी क्यों छोड़ी गई? गलियों में बिछाई गई पाइपें अब तक सूखी क्यों हैं? और कब तक जिला मुख्यालय की जनता इस बुनियादी जरूरत के लिए आंदोलन करने को मजबूर रहेगी?
प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि अगर पानी की समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो खैरागढ़ में जन आक्रोश और अधिक तेज़ी से उभर सकता है।
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