(रायपुर)सिकलसेल एवं थैलीसिमिया के मरीजों को काश फाउंडेशन के जरिए मिल रही मदद
- 02-Jul-25 06:52 AM
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० रोटरी क्लब के साथ सचदेव धर्मशाला में लगा मेगा ब्लड डोनेट कैंप
रायपुर, 02 जुलाई (आरएनएस)। प्रदेश में सिकलसेल एवं थैलीसिमिया के मरीजों के लिए एक मात्र उपचार हर 15 दिन में मरीज को नया रक्त चढ़ाने के जरिए किया जाता है। प्रदेश में थैलीसिमिया के 22 हजार मरीज एवं सिकलसेल के 7 हजार से भी अधिक मरीज इस समय रक्त दाताओं के सहयोग से अपने अमूल्य जीवन को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इस संबंध में काश फाउंडेशन की काजल सचदेव एवं रोटरी क्वींस क्लब की प्रभजोत कौर ने आज सचदेव धर्मशाला फाफाडीह में आयोजित मेगा ब्लड कैंप में बताया कि प्रदेश में अधिक से अधिक संख्या में रक्तदाताओं के अमृत रक्तदान से ही उक्त मरीजों की जीवन चर्या चल रही है। काजल सचदेव ने बताया कि उनके 21 वर्षीय बेटे को भी सिकलसेल की बीमारी है। वे हर 15 दिन में अपने बेटे को नया रक्त चढ़ाने के लिए सेंटर ले जाती है। प्रदेश में इस समय बोन मेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से उक्त ट्रांसप्लांट के लिए संबंधित मरीजों को बैंगलोर कलकत्ता दिल्ली मुंबई आदि शहरों में दो से तीन माह तक रहकर इलाज करवाना पड़ता है।
ज्ञातव्य है कि सरकारी ब्लड बैंक के अलावा बिलासा ब्लड बैंक के जरिए इस समय मरीजों को नया रक्त चढ़ाया जा रहा है। एक रक्तदाता के रक्तदान करने से एक मरीज को अमृत के समान रक्त प्राप्त होता है। आयोजित शिविर में आज अनेक रक्तदाताओं ने उपस्थित होकर रक्तदान कर उक्त अभियान को नवीन ऊर्जा दी है। काजल सचदेव ने चर्चा के दौरान बताया कि इसी तरह जनसहयोग से ही शहर के 180 बच्चों को रक्तदाताओं द्वारा दिये गये दान से नवजीवन प्राप्त हो रहा है।
शर्मा
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