
(रायपुर) उद्यमिता विकास कार्यक्रम में कारीगरों को दी गई जानकारी
- 30-Sep-25 03:36 AM
- 0
- 0
रायपुर, 30 सितम्बर (आरएनएस)। आयुक्त हस्तशिल्प एवं वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में बस्तर शिल्प हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सहयोग से छ: दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बस्तर के कारीगरों एवं उद्यमियों को आधुनिक व्यावसायिक तकनीकों से जोडऩा और उन्हें ात्मनिर्भर बनाने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाना हैउद्यमिता विकास कार्यक्रम में कारीगरों को दी गई जानकारीरायपुर, आयुक्त हस्तशिल्प एवं वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में बस्तर शिल्प हैंडीक्राफ्ट्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के सहयोग से छ: दिवसीय उद्यमिता कास कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक निजी होटल में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बस्तर के कारीगरों एवं उद्यमियों को ाधुनिक व्यावसायिक तकनीकों से जोडऩा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाना है। इस अवसर पर डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ राहुल कुमार पाण्डेय ने कारीगरों को डिजिटल माध्यमों से अपने शिल्प और उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के गुर सिखाए। उन्होंने उदाहरणों और प्रेरक अंदाज में बताया कि किस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग किसी भी पारंपरिक व्यवसाय को स्थानीय से वैश्विक बना सकती है। उन्होने बताया कि बस्तर की कला और शिल्प केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि भारत की पहचान भी है। यदि हमारे कारीगर डिजिटल साधनों का सही उपयोग करें, तो उनका हुनर दुनिया के हर कोने तक पहुँच सकता है। यह कार्यक्रम न केवल स्थानीय कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन दे रहा है, बल्कि ात्मनिर्भर भारतके संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।त्रिपाठी इस अवसर पर डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ राहुल ुमार पाण्डेय ने कारीगरों को डिजिटल माध्यमों से अपने शिल्प और उत्पादों को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाने के गुर सिखाए। उन्होंने उदाहरणों और प्रेरक अंदाज में बताया कि किस प्रकार डिजिटल मार्केटिंग किसी भी पारंपरिक व्यवसाय को स्थानीय से वैश्विक बना सकती है। उन्होने बताया कि बस्तर की कला और शिल्प केवल परंपरा ही नहीं, बल्कि भारत की पहचान भी है। यदि हमारे कारीगर डिजिटल साधनों का सही उपयोग करें, तो उनका हुनर दुनिया के हर कोने तक पहुँच सकता है। यह कार्यक्रम न केवल स्थानीय कला एवं शिल्प को प्रोत्साहन दे रहा है, बल्कि ात्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी है।
त्रिपाठी
Related Articles
Comments
- No Comments...