(रायपुर) धान बेचने वाले किसानों में से आधे का एग्री स्टैंक पोर्टल में पंजीयन, अफसरों के चक्कर लगाने मजबूर किसान

  • 18-Sep-25 08:06 AM

0 पंजीकृत साढ़े तीन लाख किसानों का खसरा मेल नहीं खा रहा
रायपुर, 18 सितम्बर (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में एग्री स्टैक पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों के चलते किसानों के पंजीयन कराने की गति धीमी है। पिछले साल जिन किसानों ेने धान बेचा था उनमें से आधे से कुछ अधिक किसानों ने ही पंजरयन कराया है।
राज्य में अब तक 13 लाख 15 हजार से कुछ अधिक किसान ही एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन करा पाए हैं। 57 हजार से ज्यादा किसान ऐसे हैं जिनका पंजीयन एग्री स्टैक पोर्टल में नहीं दिखा रहा है। इनमें भी लगभग साढ़े 3 लाख किसान ऐसे हैं, जो पंजीयन हो चुके हैं, लेकिन उनका खसरा कहीं मेल नहीं खा रहा है। अब फील्ड में विभागीय अमले को भी जूझना पड़ रहा है। पंजीयन के आंकड़ों को देखे तो पता चलता है कि बीते साल की तुलना में अब तक 50 फीसदी ही किसान पंजीयन करा पाए हैं।
धान खरीदी से पहले पंजीयन के लिए इस बार किसानों को भारी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। प्रदेश में अब तक कुल 13 लाख 73 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें से एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराने वाले किसानों की तादाद 13 लाख 15 हजार से हैं। हालांकि अभी पंजीयन के लिए अक्टूबर माह का तक का समय बाकी है। माना जा रहा है कि इस अवधि तक पंजीकृत किसानों की तादाद में बढ़ोतरी होगी। अब तक 9 लाख 66 हजार किसानों पंजीयन हो चुका है, उनके खसरे का भी मिलान हो चुका है। साढ़े तीन लाख खसरा मेल नहीं खाने की स्थिति में ऐसे किसानों को फिर दस्तावेज चेक कराना पड़ रहा है।
इन जिलों में लाख से अधिक पंजीयन
 बालोद, बेमेतरा और बलौदा बाजार जिले ही ऐसे हैं जहां एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराने वाले किसानों की तादाद एक लाख पार कर गई है। हालांकि इन जिलों में भी हजारों किसान ऐसे हैं, जिनका खसरा मेल नहीं खा रहा है। जबकि जांजगीर चांपा जिले में 74 हजार 172 किसानों ने एग्री स्टैक पोर्टल में पंजीयन कराया है, लेकिन इनमें से 30 हजार से अधिक किसानों का खसरा मेल नहीं खा रहा है। इसी तरह की स्थिति अन्य जिलों में भी है। विभाग का दावा है कि यह आंकड़ा रोज बदल रहा है। आने वाले समय में अधिक से अधिक किसान पंजीयन करा लेंगे।
बीते साल 25 लाख से ज्यादा किसान थे
बीते साल 2024-25 में पंजीकृत 25 लाख 49 हजार से ज्यादा किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य में बेचा था। एग्री स्टैक और एकीकृत पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक अब तक एग्री स्टैंक पोर्टल पंजीकृत साढ़े तीन लाख किसानों का खसरा मेल नहीं खा रहा 15 हजार 419 किसान ऐसे हैं जिन्होंने अपना एग्री स्टैक में पंजीयन नहीं कराया है।  किसानों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लाखों किसानों के पंजीयन को लेकर अभी भी तस्वीर साफ  नहीं हो पाई है।
एसएस

 




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