(रायपुर) माता देवालयों में नवरात्रि के द्वितीय दिवस मां ब्रम्हचारिणी की पूजा हुई
- 23-Sep-25 06:44 AM
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रायपुर, 23 सितबंर (आरएनएस )। नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो गया है। शक्ति के इस पर्व में श्रद्धालु भक्तों द्वारा पूरे नौ दिन माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। आज नगर के प्राचीन मंदिर महामाया, दंतेश्वरी, कालीमाई, शीतला माई, धूमावती माई, कंकाली माई, मावली माई, मरही माई, बंजारी माई सहित समस्त देवालयों में मां दुर्गा के द्वितीय स्वरूप मां ब्रम्हचारिणी की पूजा सुबह से ही विधि विधान से की जा रही है। पौराणिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में माता के नौ स्वरूपों को अलग अलग भोग चढ़ाया जाता है। मां ब्रम्हचारिणी की विधिवत पूजा की जाती है। पुराणों में दिये गये तथ्यों के आधार पर पूर्व जन्म में मां ब्रम्हचारिणी राजा हिमालय और देवी मैना की पुत्री थी। देव ऋषि नारद के उपदेश से उन्होंने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हजारों वर्षों तक घनघोर तपस्या की। इस अवधि में माता ने फल फूल खाए और कुछ वर्षों तक साग खाकर उपवास को जारी रखा। इसके बाद माता ब्रम्हचारिणी ने सूखे बिल्व पत्र खाकर भी तपस्या जारी रखी। देवाताओं और ऋषियों ने उनके तपस्याओं से प्रसन्न होकर उनका नाम ब्रम्हचारिणी रखा। शिक्षा दीक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए मां ब्रम्हचारिणी की पूजा करने से उन्हें सफलता प्राप्त होती है। मां के मंदिरों में आज मां ब्रम्हचारिणी के स्वरूप का विशेष श्रृंगार किया गया है। सुबह से ही भक्तों की कतार माता के उक्त स्वरूप को दर्शन करने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रही है। इसके अलावा राजधानी में विभिन्न पंडालों में मां के नौ स्वरूपों की मनभावन झांकी बनाई गई है जिसे देखने के लिए देर रात तक भक्तगणों का आने का सिलसिला जारी है। शहर के अधिकांश मार्ग शाम पांच बजे से रात 12 बजे तक जाम रहते हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा प्रमुख मार्गों में जिनमें सदर बाजार मालवीय रोड रामसागर पारा, पुरानी बस्ती टिकरापारा एवं गुढिय़ारी सहित पुराने मोहल्लों में माता के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों के लिए बेरिकेट लगाकर दर्शन सुलभ बनाने की कोशिश जारी है।
संदीप
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