(रायपुर) लगातार बारिश से बांधों में बढ़ी आवक, आधा भरा गंगरेल

  • 08-Jul-25 07:26 AM

रायपुर, 08 जुलाई (आरएनएस)। छत्तीसगढ़ में लगातार तीन दिनों से बारिश का दौर जारी है। अच्छी बारिश से गंगरेल बांध की स्थिति में सुधार आया है। 32 टीएमसी वाले गंगरेल बांध में अब 16 टीएमसी पानी भर चुका है। तीन दिन की लगातार बारिश से 18 हजार क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। वही 400 क्यूसेक गंगरेल बांध से पानी छोड़ा जा रहा है। कैचमेंट एरिया से लगातार पानी की आवक बनी हुई है। प्रदेश के बांधों में पिछले साल से अधिक जल भराव हो गया है। बांधों में 38 प्रतिशत से अधिक जल भराव है।
 बांधों का जलस्तर बढ़ा
 पिछले सप्ताह भर से रुक रुककर हो रही बारिश का असर खेत-खलिहान, तालाब, नालों के साथ बांधों के जलस्तर पर भी नजर आ रहा है। गंगरेल के जलग्रहण क्षेत्र चारामा, भानुप्रतापपुर, कांकेर में हो रही अच्छी बारिश के कारण बांध का जलस्तर बढ़ रहा है। यहां 18,177 क्यूसेक पानी प्रतिघंटा आ रहा है। गंगरेल बांध में 43.9 प्रतिशत पानी भरा हुआ है।
बांधों में पानी की स्थिति
माड़मसिल्ली इलाके में 23 मिलीमीटर बारिश हुई है, जिसके कारण 556 क्यूसेक पानी की आवक इस बांध में हो रही है। सोंदूर बांध क्षेत्र में 57 मिलीमीटर बारिश हुई है। यहां 528 क्यूसेक पानी की आवक हुई है. जिसके कारण बांध के जलस्तर में सुधार आया है। दुधावा बांध के आसपास 52 मिमी वर्षा हुई है। यहां भी आवक 331 क्यूसेक हो रही है।  वैसे गंगरेल के जलग्रहण क्षेत्र चारामा, भानुप्रतापपुर, कांकेर में हो रही अच्छी बारिश के कारण बांध का जलस्तर बढ़ रहा है।  
बढऩे लगी पर्यटकों की संख्या
गंगरेल बांध में पानी बढऩे से पर्यटकों की संख्या तेजी से बढऩे लगी है. गंगरेल बांध छत्तीसगढ़ के प्रमुख बांधों में शामिल हैं। यहां पर्यटकों के लिए बांध में मोटर बोटिंग की सुविधा और धार्मिक स्थल मां अंगारमोती मंदिर है। गंगरेल बांध में बारिश के दौरान हर शनिवार-रविवार को पर्यटक दूरदराज से आते हैं।
मोंंगरा बैराज से छोड़ा गया पानी
मोंगरा बैराज के कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश से लगातार जलभराव को देखते हुए शिवनाथ नदी में 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे अब तक स्थिर चल रही शिवनाथ के जल स्तर में बढ़ोतरी की संभावना है. हालांकि इससे बाढ़ की स्थिति नहीं बनेगी. मोंगरा बैराज के कैचमेंट एरिया राजनांदगांव व कांकेर के कई हिस्से में लगातार अच्छी बारिश हो रही है। मोंगरा बैराज से पहले सुबह 2000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. ऊपरी क्षेत्र से लगातार आवक के चलते दोपहर तक इसे बढ़ाकर 7000 क्यूसेक करना पड़ा। मोंगरा से छोड़े गए पानी शिवनाथ के महमरा एनीकट में पहुंच रहा है।
एसएस

 




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