( नगरी )जागो ग्राहक जागो के तहत फरसियां में कार्यशाला ,,,,,,,,,,

  • 19-Sep-25 12:29 PM

  नगरी , 19 सितबंर (आरएनएस )  शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसियां में स्टैण्डर्ड क्लब के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें ग्राहकों से संबंधित विभिन्न जानकारी दी गई।  जिसमें सचिन एस पी ओ, रायपुर ने बताया कि  बीआईएस भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, जिसकी स्थापना बीआईएस अधिनियम 2016 के तहत वस्तुओं के मानकीकरण, प्रमाणन और गुणवत्ता आश्वासन के समग्र विकास के साथ-साथ इससे संबंधित या इसके पूरक चीजों के लिए की गई है। इसका उद्देश्य ऐसी चीजें उपलब्ध कराना जो सुरक्षित, भरोसेमंद और उच्च गुणवत्ता वाली हों।मानकीकरण, प्रमाणन और परीक्षण के माध्यम से विविधता प्रसार पर नियंत्रण।उपभोक्ता स्वास्थ्य जोखिम को न्यूनतम करना,बीआईएस ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को पता लगाने योग्यता और मूर्तता संबंधी लाभ प्रदान किए हैं।छात्र छात्राओं में,गगन साहू,पुष्कर खुशबू,गरिमा ने अपने विचार व्यक्त किये,प्रश्नोतरी कार्यक्रम बी आयोजित किया गया,प्रथम ,द्वितीय तृतीय छात्र छात्राओं को पुरस्कार भी प्रदान किया गया एवं सभी प्रतिभागी को प्रमाण पत्र दिए गए।    प्राचार्य नीरज सोन ने बताया नेइसकी प्रमुख गतिविधियों में मानकीकरण, प्रमाणन, हॉलमार्किंग और प्रयोगशालाओं में उत्पाद परीक्षण शामिल हैं।बीआईएस बाजार में आईएसआई-चिह्नित उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए स्वतंत्र परीक्षण हेतु बाजार से नमूने एकत्र करता है।उन उल्लंघनकारी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है जिनके उत्पाद भारतीय मानकों के अनुरूप नहीं होत स्टैण्डर्ड क्लब प्रभारी अंजना लाऊतरे ने कहा किबीआईएस उपभोक्ताओं को आईएसआई-चिह्नित वस्तुओं की गुणवत्ता के साथ-साथ उनके दुरुपयोग और रंग-बिरंगी नकल के बारे में शिक्षित करने के लिए उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है।बीआईएस भारत का राष्ट्रीय मानक निकाय है, जो उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।बीआईएस का मुख्यालय नई दिल्ली में है।भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986, जो 23 दिसंबर 1986 को लागू हुआ, ने इसकी स्थापना की। भारतीय मानक संस्थान (आईएसआई) की स्थापना सितंबर 1946 में उद्योग एवं आपूर्ति विभाग के प्रस्ताव द्वारा की गई थी।भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियमबीआईएस अधिनियम स्व-घोषणा सहित विभिन्न प्रकार की अनुरूपता मूल्यांकन प्रक्रियाओं की अनुमति देता है।   व्याख्याता यशपाल सिंह साहू ने कहा किबीआईएस अधिनियम में ऐसे नियम शामिल हैं जो कीमती धातु वस्तुओं की हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाते हैं।बीआईएस के अतिरिक्त, अधिनियम केन्द्र सरकार को निर्धारित मानकों के साथ उत्पादों और सेवाओं की अनुरूपता को सत्यापित करने तथा अनुरूपता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किसी भी प्राधिकरण/एजेंसी का चयन करने की अनुमति देता है।ऐसे उत्पादों की मरम्मत या उन्हें वापस मंगाने का प्रावधान है जो लागू भारतीय मानक के अनुरूप नहीं हैं।    व्याख्याता ऋषिकेश साहू ने कहा किमानकीकरण के  नए क्षेत्रों की पहचान की गई है। ईंधन विकल्प, ई गतिशीलताचिकित्सकीय संसाधन,स्मार्ट शहर, डिजिटल नवाचार जैसे उद्योग 4.0, कृत्रिम बुद्धिमत्ता , ब्लॉक चेन आदि।भारतीय मानक चिह्न का गलत उपयोग करने पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।अधिनियम में निम्नलिखित उल्लंघनों के लिए दंड का भी प्रावधान किया गया है: परीक्षण एवं अंकन केन्द्रों द्वारा मानक चिह्न का अनुचित उपयोग।बीआईएस (हॉलमार्किंग) विनियम, 2018 के तहत सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग आवश्यक है।सरकार ने प्रत्येक आभूषण में हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) संख्या अंकित करना अनिवार्य कर दिया है।   व्याख्याता किरण माली ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा कार्यान्वित ॥ढ्ढष्ठ, संख्याओं और अक्षरों से युक्त छह अंकों का अल्फ़ान्यूमेरिक कोड है। यह हॉलमार्किंग प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक आभूषण को प्रदान किया जाता है और प्रत्येक आभूषण के लिए विशिष्ट होता है।14, 18 और 22 कैरेट सोने के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग और ॥ढ्ढष्ठ आवश्यक है।हॉलमार्क में तीन चिह्न होते हैं जो आभूषण के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं।पहला बीआईएस लोगो है , दूसरा शुद्धता और उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करता है , और तीसरा एचयूआईडी है।परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र में आभूषणों पर पेशेवर तरीके से विशिष्ट पहचान संख्या अंकित की जाती है।यह आभूषण की प्रत्येक वस्तु को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करता है, जिससे पता लगाने में आसानी होती है और प्रामाणिकता बढ़ती है।मिलावट के आरोपों को दूर करने में सहायता करता है।एचयूआईडी-आधारित हॉलमार्किंग में, सुनार पंजीकरण एक स्वचालित प्रक्रिया है जिसमें कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता है।  त्रिवेणी सूर्यवंशी ने कहा कियह व्यापार के सदस्यों द्वारा गलत आचरण की रोकथाम में भी सहायता करता है।पर्यावरण की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करता है  बीआईएस-केयर ऐपनया बीआईएस-केयर ऐप उपभोक्ताओं को आईएसआई और हॉलमार्क गुणवत्ता-प्रमाणित उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करने और उसके बारे में जानने की सुविधा देगा।इससे लोगों को उत्पादों की प्रामाणिकता के बारे में जानकारी मिल सकेगी और वे अप्रमाणिक उत्पादों के बारे में शिकायत भी दर्ज करा सकेंगे। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य नीरज सोन, निरुपमा माली, किरण माली,लोमश पटेल,यशपाल साहू,अंजना लौउतरे,ऋषिकेश साहू अरविंद सोम,प्रेमलाल ध्रुव ,रेणु सोम,शिल्पा मानिकपुरी,त्रिवेणी सूर्यवंशी,आरती निषाद,गीतिका निषाद,नीलम साहू एवं समस्त छात्र छात्रायें उपस्थित थे




Related Articles

Comments
  • No Comments...

Leave a Comment