-किसान बोले लेखपाल, कानूनगो फर्जी रिपोर्ट लगाकर कर रहे हैं मामलों का निस्तारण
- 30-Oct-23 12:00 AM
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मथुरा 30 अक्टूबर (आरएनएस )। जमीनी विवाद में हुई देवरिया की वीभत्स घटना ने भले ही आम जनमानस को झकझोर कर रख दिया लेकिन सरकारी मुलाजिमों ने इससे कोई सबक नहीं लिया है। यह घटना किसी से छिपा नहीं है। इसमें कई जाने गईं, कई आला अधिकारी निलंबित भी हुए। मनमर्जी से घर बैठे फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले को इतिश्री कर लेना इस तरह की घटनाओं के पीछे बड़ी वजह साबित हो रही है। चौमुहां निवासी किसान राजकुमार सिंह का आरोप है कि दबंगों ने उनके खेत का चकरोड बंद कर रखा है। खेत पर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा है। 17 जून 2023 को संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर सीडीओ ने तत्काल प्रभाव से टीम बनाकर पैमाइश कराने के निर्देश दिए थे। मगर लेखपाल द्वारा 30 जून को फर्जी रिपोर्ट लगाकर मामले का फर्जी निस्तारण करवा दिया है। पीडि़ता का आरोप है कि लेखपाल ने मिलीभगत से गलत रिपोर्ट लगाई गई है। चकरोड के अभाव में उनके खेत की बुवाई, जुताई आदि कार्य सही समय पर संपादित नहीं हो पा रहे है। जिससे उन्हे आर्थिक क्षति भी हो रही है। रोजी रोटी का संकट पैदा हो रहा है। चौमुहां के ही किसान छत्तर सिंह का कहना है कि उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में प्रार्थना पत्र दिया था। पूर्व में यहां कार्यरत लेखपाल ने उनके चक को जाने वाला चकरोड सही कराया था, मगर दबंगों ने कुछ समय बाद फिर चकरोड को अपने खेत में मिला लिया है, कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद चकरोड सही नहीं कराया जा रहा है। उनके खेत का रकवा भी कम हो चुका है। लेखपाल कोई सुनवाई नहीं कर रहे हैं। उनको जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। 18 अक्टूबर 2023 को उपजिलाधिकारी एवं तहसील दिवस में प्रार्थना पत्र दिए है। मगर लेखपाल ने झूठी रिपोर्ट लगाकर मामले का निस्तारण कर दिया है। ना तो उन्हें मौके पर बुलाया और न ही सही ढंग से जांच की और न ही खेत पर जाने का रास्ता सही कराया। बार बार लेखपाल निस्तारण की फर्जी रिपोर्ट लगा रहे हैं। लेखपाल, कानूनगो किसानों को गुमराह कर रहे हैं। किसान का आरोप है कि लेखपाल कानूनगो बिना किसी सुविधा शुल्क धरातल पर किसी भी समस्याओं का निस्तारण नहीं कर रहे है। फर्जी रिपोर्ट लगाकर अपने उच्च अधिकारियों को गुमराह करके देवरिया जैसे कांड को अंजाम देने की नीवं रख रहे हैं।
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