
2050 तक भारत में हो जाएंगे 50 करोड़ वाहन, अध्ययन में किया दावा
- 17-Jun-25 02:09 AM
- 0
- 0
नईदिल्ली,17 जून (आरएनएस)। भारत में वाहनों की संख्या 2023 की 22.6 करोड़ से दोगुनी होकर 2050 तक लगभग 50 करोड़ हो जाएगी। ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के अध्ययन में यह दावा किया गया है।
इसमें दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 70 फीसदी होगी, जो 35 करोड़ से अधिक पहुंच जाएगी, जबकि निजी कारें लगभग 3 गुना बढ़कर 9 करोड़ तक पहुंच सकती हैं।
वाहनों की संख्या में वृद्धि भीड़-भाड़, प्रदूषण और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे से जूझ रहे शहरों पर अतिरिक्त दबाव डालेगी।
शोध के अनुमान के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 9 करोड़ से अधिक वाहन होंगे, जबकि बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में वृद्धि देखने को मिलेगी।
दूसरी तरफ जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट के कारण दक्षिणी राज्यों में स्थिरता नजर आएगी।
दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, थाने और अहमदाबाद जैसे शहरी और अर्ध-शहरी इलाके प्रमुख वाहन केंद्र बने रहेंगे, जिनका अनुमानित कुल वाहन स्टॉक में सामूहिक रूप से लगभग 10 फीसदी हिस्सा होगा।
यह शोध भारत के वाहन स्टॉक, स्वामित्व लागत और परिवहन ईंधन मांग के जिला-स्तरीय अनुमान प्रदान करता है।
अध्ययनों में पाया गया है कि इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन पेट्रोल मॉडल्स की तुलना में कम परिचालन लागत प्रदान करते हैं।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन के लिए स्वामित्व की कुल लागत 1.48 रुपये/किमी है, जबकि पेट्रोल मॉडल के लिए 2.46 रुपये/किमी है।
इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों के लिए लागत 1.28 रुपये/किमी है, जबकि पेट्रोल मॉडल के लिए 3.21 रुपये/किमी है।
००
Related Articles
Comments
- No Comments...