
35 सालों से लगातार काम कर रहा है हबल स्पेस टेलीस्कोप, नासा ने जारी की ब्रह्मांड की अद्भुत तस्वीरें
- 24-Apr-25 11:10 AM
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न्यूयॉर्क ,24 अपै्रल। नासा ने हबल स्पेस टेलीस्कोप की 35वीं वर्षगांठ के मौके पर कुछ बेहद शानदार और हाई-डेफिनिशन तस्वीरें जारी की हैं, जो हमारे सौरमंडल के ग्रहों से लेकर दूर-दराज की आकाशगंगाओं तक की झलक दिखाती हैं।
नासा के मुख्यालय में खगोलभौतिकी विभाग के कार्यकारी निदेशक शॉन डोमागल-गोल्डमैन ने कहा, हबल ने 35 साल पहले ब्रह्मांड को देखने की एक नई खिड़की खोली थी। इसकी अद्भुत तस्वीरों ने दुनियाभर के लोगों को प्रेरित किया और इसके पीछे छिपे डेटा ने प्रारंभिक आकाशगंगाओं से लेकर हमारे सौरमंडल के ग्रहों तक कई चौंकाने वाले रहस्य उजागर किए।
हबल लगातार कर रहा है काम
शॉन डोमागल-गोल्डमैन ने आगे कहा कि, आज भी इसका सक्रिय होना हमारे फ्लैगशिप ऑब्जर्वेटरी मिशनों की उपयोगिता को दर्शाता है। यह हमें भविष्य की हैबिटेबल वर्ल्ड्स ऑब्जर्वेटरी परियोजना के लिए प्रेरणा और तकनीकी सीख प्रदान करता है।
नीले रंग में दिखा मंगल ग्रह
नासा द्वारा जारी की गई पहली तस्वीर में मंगल ग्रह को एक असामान्य नीले रंग में दिखाया गया है। यह तस्वीर दिसंबर 2024 के अंत में ली गई थी, जिसमें हबल की अल्ट्रावायलेट क्षमता के चलते पतले बादलें भी देखे जा सकते हैं।
दूसरी तस्वीर में एक सुंदर ग्रह क्कद्यड्डठ्ठद्गह्लड्डह्म्4 हृद्गड्ढह्वद्यड्ड हृत्रष्ट 2899 को दिखाया गया है। नासा ने बताया कि यह रूप एक मरते हुए सफेद बौने तारे से निकल रही विकिरण और तारकीय हवाओं के कारण बनता है।
गंभीर और रहस्यमयी रोसेट नेबुला की झलक
तीसरी तस्वीर में रोसेट नेबुला के एक हिस्से को दिखाया गया है, इसमें धूल और हाइड्रोजन गैस के काले बादल प्रमुखता से देखे जा सकते हैं।
आकाशगंगा हृत्रष्ट 5335
चौथी और अंतिम तस्वीर में आकाशगंगा हृत्रष्ट 5335 को कैद किया गया है, जिसे एक फ्लोकुलेंट सर्पिल गैलेक्सी के रूप में दर्शाया गया है। इसके केंद्र में एक स्पष्ट पट्टी देखी जा सकती है।
क्या है हबल स्पेस टेलीस्कोप
हबल टेलीस्कोप की लॉन्चिंग 24 अप्रैल 1990 को हुई थी और तब से यह लो-अर्थ ऑर्बिट में लगातार काम कर रहा है। इसका निर्माण प्रसिद्ध खगोलशास्त्री एडविन हबल के नाम पर किया गया था और यह अल्ट्रावायलेट, विजि़बल और नियर-इन्फ्रारेड प्रकाश मापने की क्षमता रखता है।
नासा के मुताबिक, हबल ने अब तक लगभग 1.7 मिलियन अवलोकन किए हैं और 55 हजार से अधिक खगोलीय लक्ष्यों पर अध्ययन किया है।
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