नईदिल्ली,25 दिसंबर। क्विक कॉमर्स स्टार्टअप जेप्टो 26 दिसंबर को अपने आईपीओ के लिए गोपनीय तरीके से अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी डीआरएचपी प्री-फाइल करने की तैयारी में है।
रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी अगले साल शेयर बाजार में लिस्ट हो सकती है। 2020 में शुरू हुई बेंगलुरु की यह कंपनी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली सबसे युवा यूनिकॉर्न कंपनियों में शामिल हो सकती है। हालांकि, कंपनी ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, जेप्टो की प्री-फाइलिंग से जुड़ा काम पूरा हो चुका है और 26 दिसंबर को स्टेकहोल्डर्स को इसकी जानकारी दी जा सकती है। अगर सब कुछ तय योजना के मुताबिक रहा, तो जेप्टो 2026 में पब्लिक हो सकती है। इससे पहले मामाअर्थ की पेरेंट कंपनी होनासा कंज्यूमर करीब 7 साल में लिस्ट हुई थी। जेप्टो की तेज ग्रोथ और कम समय में यूनिकॉर्न बनना इसे खास बनाता है।
जेप्टो के लिस्ट होने के बाद क्विक कॉमर्स सेक्टर में 3 बड़ी कंपनियां पब्लिक मार्केट में आमने-सामने होंगी। ब्लिंकिट की पेरेंट कंपनी इटरनल और स्विगी पहले ही शेयर बाजार में मौजूद हैं। इटरनल का मार्केट कैप करीब 30 अरब डॉलर (लगभग 2,700 अरब रुपये) और स्विगी का करीब 12 अरब डॉलर (लगभग 1,100 अरब रुपये) है। जेप्टो का आईपीओ इस सेक्टर के लिए अहम माना जा रहा है, जो कुछ साल पहले तक भारत में मौजूद ही नहीं था।
रिपोर्ट के अनुसार, ब्लिंकिट, स्विगी और जेप्टो ने पिछले 9 से 11 महीनों में मिलकर करीब 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया है। इस नुकसान के बावजूद तीनों कंपनियों के पास वर्तमान में मजबूत कैश रिजर्व है। लिस्टिंग के बाद इटरनल और स्विगी ने बड़े क्यूआईपी के जरिए फंड जुटाया था। कुल मिलाकर ये कंपनियां 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश के साथ मार्केट में मजबूती से टिकी हुई हैं।
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