ढाका ,25 दिसंबर। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान 17 वर्ष बाद स्वदेश लौट आए हैं। देश में जारी राजनीतिक अस्थिरता और अराजक माहौल के बीच आम चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। ऐसे समय में रहमान की वापसी से बीएनपी समर्थकों में नया जोश देखने को मिल रहा है। हालांकि, पार्टी के भीतर भरोसा कायम करना उनके लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि जिस दौर में वह निर्वासन में थे, उस दौरान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर संघर्ष करते रहे।
प्रभावशाली जिया परिवार के उत्तराधिकारी तारिक रहमान की वापसी को अंतरिम सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के एक विशेष सहायक ने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। इससे बीएनपी के लिए समर्थन जुटाने की राह और आसान हो सकती है।
पीएम पद के प्रबल दावेदार बने तारिक
पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया (80) के बड़े बेटे तारिक रहमान (60) फरवरी में संभावित आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में उभरकर सामने आए हैं। बीएनपी प्रवक्ता रुहुल कबीर रिज़वी ने उनकी वापसी को निर्णायक राजनीतिक क्षण बताया है। तारिक के पिता जियाउर रहमान, जो सैन्य शासक से नेता बने थे, ने बीएनपी की स्थापना की थी और 1977 से 1981 तक राष्ट्रपति रहे, जब उनकी हत्या कर दी गई थी। तारिक रहमान की वापसी को देखते हुए मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। वहीं, बीएनपी ने ताकत दिखाने के लिए उनके स्वागत में लाखों समर्थकों को जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद बदला परिदृश्य
तारिक रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई है, जब पांच अगस्त 2024 को छात्रों के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी। बदले राजनीतिक हालात में बीएनपी एक बार फिर प्रमुख ताकत के रूप में उभर रही है। 2001-2006 के शासनकाल में बीएनपी की सहयोगी रही जमात-ए-इस्लामी और उसके इस्लामी दल अब बीएनपी की मुख्य प्रतिद्वंद्वी बन चुके हैं। वहीं, अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत आदेश जारी कर अवामी लीग को भंग कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तारिक रहमान की वापसी से बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़ आ सकता है और आगामी चुनाव और अधिक रोचक होने की संभावना है।
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