ओडिशा की घटना पर बंगाल में उबाल
कोलकाता 26 Dec, (Rns) । बंगाल में उक्त खबर जैसे ही फैली कि कथित तौर “बांग्लादेशी” के आरोप में एक बंगाली श्रमिक की ओडिशा में पीट-पीटकर हत्या की घटना घटी है। घटना से बंगाल में उबाल शुरु हो गया है। तमाम तरह की जहां बातें हो रही है वहीं घटना के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। पुलिस व स्थानीय सूत्रों के अनुसार कथित तौर पर पीट-पीटकर जिस युवक ज्वेल शेख (19) की हत्या की गई है वह बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सूती पुलिस थाना इलाके के चकबहादुरपुर गांव का रहने वाला था। घटना ओडिशा के संबलपुर की बताई जा रही है।
मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि उसे बांग्लादेशी होने के शक में मारा गया है। उसके साथी युवकों का कहना है कि कुछ लोगों ने पहले उनसे आधार कार्ड मांगा, फिर उन्हें पीटना शुरू कर दिया। हालांकि, ओडिशा पुलिस ने इस दावे से इनकार किया है। युवक के परिजनों का कहना है कि वह 600 रुपये की दिहाड़ी पर काम करने के लिए 20 दिसंबर को ही ओडिशा से गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक घटना बुधवार, 24 दिसंबर की शाम की है। खबरों के अनुसार, बुधवार रात करीब 8:30 बजे, ज्वेल ओडिशा में एक स्थानीय एक चाय की दुकान पर गया था। उसके दो दोस्त पहले से ही वहां थे। वह लोग आपस में बंगाली में बात कर रहे थे। कहा जा रहा है कि उसी समय पांच लोग मौके पर पहुंचे। आरोप है कि है कि उक्त प्रवासी श्रमिकों को बांग्लादेशी बताकर बुरी तरह टॉर्चर किया गया। इस दौरान ज्वेल की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि उसे संबलपुर अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। पोस्टमॉर्टम के बाद, ताबूत में उसका शव मुर्शिदाबाद के सूती स्थित चकबहादुरपुर में मृत श्रमिक का निवास पर लाया गया। इधर तृणमूल ने इस घटना की कड़ी निंदा की। X हैंडल पर पोस्ट में कहा गया, “ओडिशा में यह हत्या भाजपा के एंटी-बांग्ला प्रोपेगैंडा का प्रत्यक्ष्य नतीजा है। एक भारतीय नागरिक को पीट-पीटकर मार डाला गया क्योंकि उन्मादी भीड़ को लगा कि वह बंगाली घुसपैठिए हैं। इस घटना में अन्य श्रमिक भी घायल हुए हैं।।” हालांकि, ओडिशा पुलिस ने इस दावे को गलत बताया है। उनका कहना है कि बांग्लादेशी या फिर बंगाली बोलने के कारण घटना नहीं घटी। बरन घटना बीड़ी को लेकर हुए झगड़े के कारण घटी और एक श्रमिक को विवाद में पीट-पीटकर मार डाला गया। इस घटना में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने ज्वेल को बांग्लादेशी होने के शक में मारने के दावे को खारिज किया है। ओडिशा पुलिस का कहना है कि पीड़ित और आरोपी पहले से एक-दूसरे को जानते थे। उनके बीच बीड़ी मांगने को लेकर बहस हुई थी, जो कि बाद में झगड़े में बदल गई। उनमें से एक गुट ने अचानक बंगाली प्रवासी मजदूरों पर हमला कर दिया। इधर, घटना के बाद बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने ज्वेल के घर वालों को सरकार की तरफ से मदद का भरोसा दिया। तृणमूल के राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम ने आरोप लगाया कि यह भाजपा शासित ओडिशा में लगातार हो रहा है।
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