रायपुर 20 दिसंबर 2025(आरएनएस) स्वास्थ्य सेवाओं में डिजिटल नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), रायपुर के आपातकालीन चिकित्सा विभाग ने “औषधि-ईआर (AUSHADHI-ER)” नामक वेब-आधारित, स्वदेशी ऑनलाइन दवा इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली का शुभारंभ किया है। यह प्रणाली आपातकालीन सेवाओं में दवाओं की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा इन्वेंट्री संचालन को अधिक पारदर्शी, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से विकसित की गई है।
यह नवाचारी प्रणाली सृजन (एसआरआईजेएन – साइंटिफिक रिसर्च एंड इनोवेशन जंक्शन फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड न्यू बायोमेडिकल टेक्नोलॉजीज) के अंतर्गत विकसित की गई है। सृजन, एम्स रायपुर का एक संस्थागत मंच है, जो नैदानिक सेवाओं, डिजिटल स्वास्थ्य एवं जैव-चिकित्सकीय प्रौद्योगिकियों के समन्वय से आवश्यकता-आधारित, स्वदेशी नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
औषधि-ईआर की परिकल्पना डॉ. देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी द्वारा की गई, जबकि इसका विकास डॉ. रोशन मैथ्यू एवं डॉ. नमन अग्रवाल द्वारा किया गया। यह प्रणाली आपातकालीन विभाग में दवा इन्वेंट्री प्रबंधन से जुड़ी व्यावहारिक चुनौतियों के समाधान के रूप में तैयार की गई है। पूर्व में दवा स्टॉक का प्रबंधन भौतिक अभिलेखों एवं मैनुअल रजिस्टरों के माध्यम से किया जाता था, जिससे वास्तविक समय में स्टॉक की स्थिति की सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती थी और कई बार आवश्यकता से अधिक इंडेंटिंग की स्थिति उत्पन्न हो जाती थी—जो आपातकालीन सेवाओं के लिए एक गंभीर चुनौती थी।
iECS परियोजना के अंतर्गत विकसित यह प्रणाली पूर्णतः पेपरलेस एवं स्वचालित है, जो वास्तविक समय में स्टॉक प्रविष्टि, निगरानी एवं रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करती है। इसमें ग्रीन, येलो और रेड रंग आधारित संकेतकों के साथ स्वचालित ई-मेल अलर्ट की व्यवस्था की गई है, जिससे समय पर दवाओं की पुनःपूर्ति सुनिश्चित होती है और परिचालन दक्षता में उल्लेखनीय सुधार होता है।
वर्तमान में यह प्रणाली एम्स रायपुर के आपातकालीन विभाग (ग्राउंड फ्लोर) में दवा इन्वेंट्री प्रबंधन के लिए लागू की गई है। भविष्य में इसे उपभोग्य सामग्रियों (कंज़्यूमेबल्स) तक विस्तारित किया जाएगा तथा चरणबद्ध रूप से ट्रॉमा इंटेंसिव केयर यूनिट (ट्रॉमा आईसीयू) एवं आपातकालीन ऑपरेशन थिएटर में भी लागू करने की योजना है।
इस प्रणाली का औपचारिक शुभारंभ एम्स रायपुर के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि औषधि-ईआर सृजन की उस परिकल्पना का सशक्त उदाहरण है, जिसमें फ्रंटलाइन नैदानिक आवश्यकताओं को स्वदेशी और स्केलेबल डिजिटल समाधानों में परिवर्तित किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसे नवाचार पारदर्शिता, दक्षता और रोगी सुरक्षा को सुदृढ़ करते हैं तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में प्रौद्योगिकी आधारित सुधारों के लिए एक नई मिसाल स्थापित करते हैं।
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