लखनऊ 26 दिसंबर (आरएनएस )। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। डबल इंजन सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में प्रदेश ने एक बार फिर देशभर में अपनी मजबूत पहचान बनाई है। योजना के अंतर्गत दावों के त्वरित भुगतान, गंभीर बीमारियों के इलाज पर बढ़ते व्यय और शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण में उल्लेखनीय सफलता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को सम्मानित किया गया है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शिकायत निवारण कार्यशाला में उत्तर प्रदेश की स्टेट हेल्थ एजेंसी साचीज़ को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मान प्रदान किया गया। इस उपलब्धि ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता केवल योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं, बल्कि उनका प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन भी है।साचीज़ की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके तहत पात्र लाभार्थियों को प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जाता है। उत्तर प्रदेश में इस योजना को केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए जीवन रक्षक सुरक्षा कवच के रूप में लागू किया गया है।उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष जुलाई 2025 से अब तक प्रदेश में योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों को लगभग 2200 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। वहीं पिछले वित्तीय वर्ष 2024–25 में यह भुगतान लगभग 1300 करोड़ रुपये रहा था। एक वर्ष के भीतर दावों के भुगतान में लगभग दोगुनी वृद्धि इस बात का स्पष्ट संकेत है कि योजना का लाभ लेने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसका क्रियान्वयन पहले से कहीं अधिक सशक्त हुआ है।मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि योगी सरकार द्वारा अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अनुपूरक बजट में 1500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि स्वीकृत दावों का भुगतान 30 दिनों की निर्धारित समय-सीमा के भीतर किया जाए, जिससे निजी और सरकारी अस्पतालों को किसी भी प्रकार की वित्तीय कठिनाई न हो और मरीजों को निर्बाध इलाज मिलता रहे।भुगतान प्रक्रिया को और अधिक तेज एवं पारदर्शी बनाने के लिए साचीज़ द्वारा तकनीकी व्यवस्था को मजबूत किया गया है। एजेंसी की कोर टीम की संख्या भी बढ़ाई गई है, जिससे दावों की जांच और स्वीकृति में लगने वाला समय काफी कम हुआ है। इसका सीधा लाभ मरीजों के साथ-साथ अस्पतालों को भी मिल रहा है।प्रदेश में गंभीर और उच्चस्तरीय बीमारियों के इलाज के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है। वित्तीय वर्ष 2024–25 में हृदय रोग, न्यूरोसर्जरी, कैंसर, यूरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी जैसी विशेषज्ञ सेवाओं के लिए कुल 894.1 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। वहीं वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक इन सेवाओं के लिए 1370.2 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। यह आंकड़े दर्शाते हैं कि अब गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी बड़े और महंगे इलाज तक आसानी से पहुंच बना पा रहे हैं।साचीज़ की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी पूजा यादव ने बताया कि कैंसर उपचार सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2025–26 में अब तक कैंसर सेवाओं के लिए 449.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह राशि 285.43 करोड़ रुपये थी। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उस सोच का प्रत्यक्ष परिणाम है, जिसमें गंभीर बीमारियों के इलाज को भी गरीबों की पहुंच में लाने पर विशेष जोर दिया गया है।
आयुष्मान योजना के तहत शिकायत निस्तारण के मामले में भी उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों के लिए मिसाल बना है। जनवरी 2025 से अब तक योजना के अंतर्गत कुल 41,582 शिकायतें और अनुरोध ऑनलाइन पोर्टल पर प्राप्त हुए, जिनमें से 41,458 शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जा चुका है। इसी उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण 18 दिसंबर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय शिकायत निवारण कार्यशाला में उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया गया।
इस कार्यशाला में देश के 37 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हुए थे, जिनमें उत्तर प्रदेश के साथ तमिलनाडु, सिक्किम और चंडीगढ़ को भी सम्मान प्रदान किया गया। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में स्थापित करने की दिशा में एक और मजबूत कदम मानी जा रही है।
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